रांची: कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए जारी लॉकडाउन में देश के अन्य राज्यों में झारखण्ड के छात्र और मजदूर फंसे हुए है. राज्य सरकार से लगातार घर वापसी करने का आग्रह भी कर रहे थे. जिसे लेकर सियासत भी तेज हो गयी है. CM हेमंत सोरेन ने कुछ दिनों पहले ही गृह मंत्री अमित शाह और प्रधानमंत्री के सामने इस बात को रखा था की अन्य राज्यों में फंसे हमारे लोगो को लाने की अनुमति दी जाये। बकायदा उन्हें ये बात पत्र लिख कर कहा है।
15 आईएएस अफसरों को नोडल अधिकारी बनाया गया
केंद्र सरकार के द्वारा लॉक डाउन के बीच बाहर फंसे मजदूरों और छात्रों को लाने की अनुमति मिलने के बाद झारखंड सरकार ने लॉकडाउन में बाहर फंसे पांच लाख से ज्यादा मजदूरों और छात्रों को वापस लाने के लिए सक्रिय हो गई है. सरकार ने इसके लिए 15 आईएएस अफसरों को नोडल अधिकारी बनाया है.प्रधान सचिव अमरेंद्र प्रताप सिंह मुख्य नोडल अधिकारी नियुक्त किये गये हैं. इन्हें महाराष्ट्र में फंसे लोगों को वापस लाने जिम्मेदारी दी गई है. विनय कुमार चौबे को दिल्ली, अजय कुमार सिंह को कर्नाटक, असम और गोवा, अविनाश कुमार को तमिलनाडु और एमपी, हिमानी पांडेय को राजस्थान, दादर नगर हवेली, दमन एवं दिव और मेघालय, अराधना पटनायक को यूपी, सिक्किम, नागालैंड, राहुल शर्मा को तेलंगाना, कमल किशोर सोन को गुजरात, अरुणाचल प्रदेश, त्रिपुरा, राहुल पुरवार को ओडिशा, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, पूजा सिंघल को पंजाब, अमिताभ कौशल को प. बंगाल, आंध्र प्रदेश, लद्दाख, अबुबकर सिद्दीकी को केरल, प्रवीण टोप्पो को चंडीगढ़, जम्मू-कश्मीर, बिहार, प्रशांत कुमार को हरियाणा और के रविकुमार को मणिपुर, मिजोरम, पुडुचेरी,उत्तीसगढ़, अंडमान निकोबार और लक्षद्वीप की जिम्मेदारी दी गई है. इन सभी आईएएस अधिकारियों ने बुधवार रात से ही जिम्मेदारी संभाल ली है.
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