बिहार में कोरोना के तेजी से बढ़ रहे मामलों को देखते हुए सभी डॉक्टरों, नर्स और अन्य स्वास्थ्यकर्मियों की छुट्टियां रद्द कर दिया गया है. बिहार स्वास्थ्य विभाग की ओर से इसको लेकर जारी किए गए आदेश के मुताबिक, कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए स्वास्थ्यकर्मियों की अवकाश रद्द कर दिए गए हैं. अध्ययन अवकाश व मातृत्व अवकाश को छोड़कर सभी अवकाश 28 फरवरी तक रद्द रहेंगे.
स्वास्थ्य विभाग ने इस आदेश को तत्काल प्रभाव से लागू कर दिया है. साथ ही सभी जिलों को निर्देश दिया गया है कि जितने भी चिकित्सक या कर्मी अवकाश पर गये हैं उनके अवकाश को भी तत्काल प्रभाव से रद्द कर दिया गया है. आदेश में कहा गया है कि जो भी चिकित्सक या स्वास्थ्य कर्मी अवकाश पर हैं, उन्हें अविलंब अपने कर्तव्य पर योगदान करने का निर्देश दिया गया है. इससे अध्ययन अवकाश और मातृत्व अवकाश को छूट दी गयी है.
इधर, पटना एम्स में मंगलवार को भी पांच चिकित्सक और तीन कर्मचारी कोरोना संक्रमित हो गये हैं. आदेश में कहा गया है कि कोरोना वायरस के अप्रत्याशित रूप से बढ़ते संक्रमण को देखते हुए इसकी रोकथाम के लिए विशेष चौकसी की आवश्यकता है. ऐसे में राज्य के सभी चिकित्सा पदाधिकारियों, संविदा पर नियोजित सहित चिकित्सा पदाधिकारी से लेकर निदेशक प्रमुख तक, मेडिकल कॉलेज अस्पतालों के प्राचार्य, अधीक्षक से लेकर जूनियर रेजीडेंट तक के साथ निदेशक विशिष्ट चिकित्सा संस्थान और राज्य के सभी स्वास्थ्य कर्मियों के अवकाश को 28 फरवरी तक के लिए रद्द किया जाता है.
स्वास्थ्य कर्मियों में स्वास्थ्य प्रशिक्षक, पारा मेडिकल, जीएनएम, एएनएण, ओटी सहायक, लैब टेक्नीशियन के साथ सभी चतुर्थ वर्गीय कर्मचारी शामिल है. बता दें कि बिहार में कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़ने के साथ ही रिकवरी रेट में गिरावट आयी है. पिछले सात दिनों में इसके दर में प्रतिदिन मामूली गिरावट दर्ज की जा रही है. इधर, कोरोना संक्रमित से ठीक होनेवालों की संख्या 33 से कम दर्ज किया गया है.