रांची: झारखंड विधानसभा के मुख्य द्वार पर स्थित सीढ़ियों पर बीजेपी विधायकों ने डमी सदन की कार्यवाही का संचालन कर अनोखे अंदाज में विरोध प्रदर्शन किया। इससे पहले विधानसभा के अंदर बीजेपी विधायकों ने पार्टी के 4 सदस्यों के निलंबन और शिक्षा के इस्लामीकरण का विरोध किया।
पूर्वाह्न 11 बजे विधानसभा की कार्यवाही शुरू होने पर बीजेपी सदस्य इस मुद्दे को लेकर शोर-शराबा करने लगे और अध्यक्ष से निलंबन समाप्त करने का आग्रह किया, लेकिन इस पर स्पीकर द्वारा कोई नियम नहीं दिये जाने पर भाजपा सदस्य सदन से बाहर निकल गये।
सदन से बाहर निकलने पर भाजपा के सभी विधायक विधानसभा के मुख्य द्वार की सीढ़ियों पर बैठकर सरकार विरोधी नारेबाजी करने लगे। मौके पर सभी ने एक डमी सदन आयोजित किया। भानु प्रताप शाही अध्यक्ष की भूमिका में दिखे।
भानू प्रताप शाही ने पढ़ा अध्यक्षीय भाषण
डमी सदन की कार्यवाही ठीक उसी तरीके से की गयी, जिस तरह से सदन की कार्यवाही अध्यक्षीय भाषण के साथ शुरू होती है। भानु प्रताप शाही ने विस्तार से अध्यक्षीय भाषण को पढ़ा और इसके ऊपर विधायकों ने एक-एक कर ठीक उसी तरह से चर्चा की जैसा आमतौर पर विधानसभा के अंदर होता है। भानु प्रताप शाही ने कहा कि हमारी लड़ाई सड़क से लेकर सदन तक जारी रहेगी। साथ ही इन विधायकों ने अध्यक्ष के निर्णय पर भी सवाल खड़ा किया और कहा कि वे सरकार के इशारे इस कृत्य को किया है। पूर्व कृषि मंत्री रणधीर सिंह ने कहा कि अगर किसानों की बात उठाना, भ्रष्टाचार पर बात करना गुनाह है, तो यह गुनाह हम बार-बार करेंगे।
अटल प्रतिमा के समक्ष धरना
भाजपा के निलंबित विधायक भानु प्रताप शाही, ढुल्लू महतो और रणधीर सिंह ने झारखंड विधानसभा में अटल प्रतिमा के आगे धरना भी दिया। वहीं जयप्रकाश भाई पटेल की तबीयत खराब होने की वजह से वे इसमें शामिल नहीं रहे। विधायकों ने सवाल किया कि हमारा कसूर क्या भ्रष्टाचार और अकाल पर बोलना है? बाद में इनके समर्थन में कुछ और विधायक आ गए।
गौरतलब है कि झारखंड विधानसभा में मंगलवार को भाजपा सदस्यों के हंगामे और शोरशराबे के कारण विधानसभा अध्यक्ष ने चार बीजेपी विधायकों को चार अगस्त तक के लिए निलंबित कर दिया है।