घाटा दे रही बीसीसीएल की बंद खदानों को एमडीओ (माइन डेवलपर एंड आॅपरेटर) मोड के तहत चालू किया जाएगा। इसके लिए सीएमपीडीआईएल व बीसीसीएल की संयुक्त स्टडी चल रही है। एमडीओ मोड पर खदानों को संचालित करने के लिए 22 से अधिक बंद अंडर ग्राउंड माइंस को चिह्नित किया गया है। बीसीसीएल प्रबंधन का मानना है कि अंडर ग्राउंड माइंस से ही कंपनी का भविष्य सुरक्षित है। ओपेन कास्ट माइंस कंपनी का भविष्य तय नहीं कर सकती है।
जमीन की कमी से लेकर अन्य समस्याओं के कारण ओपेन कास्ट माइनिंग लंबे समय तक नहीं चल सकती। बीसीसीएल का अस्तित्व अंडर ग्राउंड माइंस से ही सुरक्षित है। भूमिगत खदानों को एमडीओ मोड के तहत थर्ड पार्टी को सौंप देगी। खदानों का स्वामित्व कंपनी के पास सुरक्षित रहेगा। माइनिंग प्लान बनाने से लेकर कोयला उत्पादन और डिस्पैच की जिम्मेवारी प्राइवेट पार्टी की हाेगी। एमडीओ मोड के तहत खदानों को लेने वाले प्राइवेट पार्टी को कंपनी की शर्तों पर काम करना हाेगा।
22 खदानों को मिला कर 10 खदान बनाने की योजना
चिह्नित 22 भूमिगत खदानों को मिलाकर 10 माइंस बनाने को लेकर कागजी कार्रवाई शुरू कर दी गई है। इसमें चार खदानों को एमडीओ मोड में शुरू करने के लिए चालू वित्तीय वर्ष में टेंडर प्रकाशित करने की प्रक्रिया में है। वित्तीय वर्ष 2024-25 तक भूमिगत खदानों से हर साल 5 मिलियन टन से अधिक उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है।
इससे 10 हजार से अधिक लाेगाें को मिलेगा राेजगार
बंद भूमिगत खदानों के एमडीओ मोड में चालू होने की स्थिति में कम से कम 10 हजार लाेगाें को प्रत्यक्ष और परोक्ष तौर पर रोजगार मिलेगा। भूमिगत खदानों में प्राइम कोकिंग कोल का विशाल भंडार है। खदानों में पानी भर जाने के कारण लंबे समय से बंद हैं। पानी की निकासी और कर्मियों के वेतन मद में हाे रहे खर्च से कंपनी को प्रत्येक साल बड़ा घाटा हाे रहा है। एमडीओ मोड में खदान चालू होने के बाद कंपनी को लाभ होने की उम्मीद है।
2019-20 में कंपनी को 2244 कराेड़ का घाटा
बंद भूमिगत खदानाें से कंपनी काे वित्तीय वर्ष 2019-20 तक 2244.14 कराेड़ रुपए का घाटा हाे चुका है। कंपनी की खराब स्थिति के लिए भूमिगत खदानाें से उत्पादन नहीं हाेना भी एक कारण है। खदानाें के बंद रखने से खदानाें के रखरखाव, जल निकासी और कर्मियाें के वेतन मद में कराेड़ाें रुपया खर्च करना पड़ रहा है। मुनीडीह अंडर ग्राउंड माइंस काे छाेड़कर अधिकांश खदानें बंद हैं।
एमडीओ मोड में संचालन के लिए मार्च तक टेंडर
4 अंडरग्राउंड माइंस को एमडीओ मोड में चालू करने के लिए मार्च तक टेंडर निकला जाएगा। इसमें मधुबन में 1 मिलियन टन, अमलाबाद में 0.50, लोहापत्ती में 0.36 व बेगुनिया से 0.30 मिलियन टन हर साल उत्पादन होगा। इसे लेकर डीटी प्रोजेक्ट एंड प्लानिंग चंचल गोस्वामी ने बीसीसीएल और सीएमपीडीआईएल के साथ बैठक कर कार्य योजना की समीक्षा की।
एमडीओ माेड पर चलाने के लिए 22 भूमिगत खदानाें काे चिह्नित किया गया है। सीएमपीडीआईएल और बीसीसीएल दाेनाें संयुक्त रूप से स्टडी कर रही है। आने वाले दिनाें में अंडर ग्राउंड माइंस ही कंपनी का भविष्य तय करेंगे। कोई भी अंडर ग्राउंड माइंस बंद नहीं रहेगा।
चंचल गाेस्वामी, डीटी(पी एंड पी), बीसीसीएल