रांची: भाजपा के विधायक समरी लाल को झारखंड हाई कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। जस्टिस राजेश शंकर की अदालत ने समरी लाल के जाति प्रमाण पत्र को रद्द करने के आदेश को निरस्त कर दिया है। अदालत ने इस मामले को के जाति छानबीन कमिटी को फिर से रिमांड बैक कर दिया है।
अदालत ने कहा है कि समिति एक विजिलेंस कमेटी का गठन करेगी, जो इस मामले की जांच करेगी। विजिलेंस कमेटी की जांच में अगर कुछ तथ्य सामने आते हैं तो ही जाति छानबीन कमिटी इस मामले में निर्णय लेगी।
बता दें कि एक अप्रैल 2022 को जाति छानबीन समिति ने समरी लाल के जाति प्रमाण पत्र को रद्द कर दिया था। जिसके खिलाफ समरी लाल की ओर से हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की गई थी। दाखिल याचिका पर सभी पक्षों को सुनने के बाद अदालत ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।
बता दें कि कांग्रेस के प्रत्याशी सुरेश बैठा ने समरी लाल को राजस्थान का निवासी बताते हुए उनका जाति प्रमाण पत्र रद्द करने के लिये आवेदन दिया था। कांग्रेस प्रत्याशी के इस आवेदन के बाद राज्य जाति छानबीन कमिटी ने समरी लाल के प्रमाण पत्र को रद्द करने का आदेश दिया था।