देवघर: झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का खिलाफत करने वाले गोड्डा के सांसद निशिकांत दुबे को जोरदार झटका लगा है। उपायुक्त सह जिला दंडाधिकारी देवघर मंजूनाथ भजंत्री ने निशिकांत दुबे की पत्नी के नाम पर रजिस्टर्ड एलओकेसी धाम की जमीन की रजिस्ट्री रद कर दी है। साथ ही इस मामले में उपायुक्त के आदेश पर अवर निबंधक राहुल चाैबे ने देवघर नगर थाना में निशिकांत दुबे की पत्नी अनामिका गाैतम समेत पांच लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई है। उपायुक्त ने ईडी से जांच कराने के लिए लिखा है।
क्या है मामला
भाजपा सांसद निशिकांत दुबे की पत्नी के नाम देवघर की एलओकेसी धाम की जमीन 29 अगस्त, 2019 को रजिस्टर्ड हुई थी। इसकी रजिस्ट्री संख्या 770 है। निशिकांत दुबे की पत्नी पर आरोप है कि सिर्फ 3 करोड़ रुपये देकर जमीन की रजिस्ट्री अपने नाम करा ली। जबकि जमीन की वैल्यू 18.94 करोड़ रुपये है। इस मामले को लेकर देवघर के शशि सिंह और विष्णुकांत झा ने देवघर के डीसी से शिकायत की थी। इसी मामले की सुनवाई करते हुए उपायुक्त सह जिला दंडाधिकारी देवघर ने जमीन की रजिस्ट्री रद कर दी है। इस मामले में उपायुक्त के आदेश पर अवर निबंधक राहुल कुमार चौबे के बयान पर मंगलवार को अनामिका गौतम सहित पांच लोगों के खिलाफ नगर थाना में मामला दर्ज किया गया है।
कार्रवाई के लिए उपायुक्त ने ईडी और आयकर विभाग से अनुशंसा की
उपायुक्त के न्यायालय से जारी आदेश के तहत कार्रवाई के लिए आयकर विभाग व प्रर्वतन निदेशालय से अनुशंसा भी की गई है। अवर निबंधक द्वारा दर्ज कराई गई प्राथमिकी में कहा गया है-उपायुक्त के न्यायालय से पारित आदेश एवं राजस्व, निबंधन व भूमि सुधार विभाग के अधिसूचना के तहत दस्तावेज कपटपूर्ण मानते हुए उक्त निबंधन को रद करने का आदेश उपायुक्त ने जारी किया था। इस आदेश के आलोक में अवर निबंधक द्वारा दर्ज कराए गए मामले में जमीन के विक्रेता पुरनदाहा मोहल्ला निवासी संजीव कुमार, एचके बनर्जी रोड निवासी कमल नारायण झा, क्रेता ऑनलाइन इंटरटेनमेंट प्रालि के प्रोपराइटर सह निशिकांत दुबे की पत्नी अनामिका गौतम, पहचानकर्ता बंपास टाउन मोहल्ला निवासी देवता पांडेय, गवाह कास्टर टाउन निवासी सुमित कुमार सिंह को आरोपित बनाया गया है।
अगस्त, 2019 में सांसद की पत्नी के नाम हुई थी रजिस्ट्री
जमीन का निबंधन 29 अगस्त, 2019 को किया गया था। सोमवार को उपायुक्त के न्यायालय से जारी आदेश के तहत किरण देवी उर्फ सिंह बनाम अनामिका गौतम मामले में निबंधित दस्तावेज को रद किया गया है। आरोप है कि केवाला संपत्ति को बेचने व खरीदने वाले पक्षदारों एवं गवाहों ने कपट किया और इसी कारण उसके खिलाफ मामला दर्ज किया गया। हनुमानटिकरी मोहल्ला निवासी किरण सिंह ने न्यायालय में दायर परिवाद में उल्लेख किया है कि पूर्व अंचलाधिकारी जयवर्धन कुमार ने रिश्वत लेकर एलपीसी निर्गत कर दिया था। बाद में उक्त जमीन का निबंधन कर दिया गया। इस सिलसिले में किरण देवी के बयान पर पहले एक मामला दर्ज किया गया। वहीं बाद में इसी जमीन के मामले को लेकर पहले विष्णुकांत झा ने नगर थाना में एक मामला दर्ज कराया।
सांसद की पत्नी ने नहीं रखा अपना पक्ष
अनामिका गौतम को दो बार नगर थाना की ओर से नोटिस भेजकर उन्हें थाना में आकर अपना पक्ष रखने को कहा गया था। लेकिन उपस्थित नहीं हुई। वहीं न्यायालय ने अपने जारी आदेश में कहा है कि पूर्व में अंचल कार्यालय देवघर से निर्गत एलपीसी स्वयं अंचलाधिकारी देवघर द्वारा रद कर दिया गया था। उसी के आधार पर केवाला संपादित किया गया जो कि फर्जीवाड़ा प्रतीत होता है। वहीं केवाला दलील में कंसिड्रेशन राशि 18 करोड़ 94 लाख 16 हजार दर्शाया गया है। जबकि भुगतान तीन करोड़ नकद के तौर पर दिखाया गया है जोकि एक फर्जीवाड़ा की श्रेणी में आता है। ये आइटी एक्ट का उल्लंघन होने के साथ ही मनी लॉउडरिंग भी प्रतीत होता है। साथ ही जांच में पाया गया कि स्मृति कुमार की मृत्यु 16 अगस्त 2019 को हो गई। उसके बाद पॉवर ऑफ एटॉर्नी स्वत: समाप्त हो गई। इसके बाद उसकी पावर के आधार पर जमीन का कपटपूर्ण तरीके से निबंधन कर दिया गया। साथ ही पाया गया कि अनामिका गौतम का उक्त जमीन पर दखल कब्जा नहीं पाया गया है। उस जमीन पर दखल कब्जा किरण सिंह का समर्थन होता है। इन्हीं सभी आधार पर निबंधन को रद करने का आदेश दिया गया। साथ ही सम्मलित सभी पक्षकारों पर उचित माध्यम एवं विहित प्रक्रिया के तहत आवश्यक कार्रवाई हेतु आयकर विभाग एवं प्रर्वतन निदेशालय से अनुशंसा की जाती है।