रांची : मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने रांची जिले के बुंडू प्रखंड के तत्कालीन बीडीओ ललन कुमार को बर्खास्त करने के प्रस्ताव को स्वीकृति दे दी है. ललन कुमार फिलहाल निलंबित थे. वहीं मुख्यमंत्री ने हजारीबाग जिले के कटकमदाग प्रखंड की तत्कालीन बीडीओ प्रीति सिन्हा की दो वेतन वृद्धि पर रोक लगाने के प्रस्ताव को भी स्वीकृति दे दी. ललन कुमार के खिलाफ आरोप है कि मनरेगा के तहत टुंगरी को हरा-भरा करने के लिए सरकारी जमीन पर पौधरोपण की योजना की स्वीकृति लेने के पूर्व ही योजना के कार्यान्वयन के लिए वर्कआॅर्डर स्वयंसेवी संस्थाओं को जारी कर दिया. यह निर्धारित प्रक्रिया और आदेश का उल्लंघन है.
पौधरोपण योजनाओं में बरती अनियमितता : ललन कुमार के खिलाफ ग्रामीण विकास विभाग द्वारा दिये गये निर्देशों के विरुद्ध गैर-सरकारी संस्थानों को जिला से अनुमोदन प्राप्त किये बगैर कार्यकारी एजेंसी के रूप में नामित करना और एजेंसी चयन में जिला ग्रामीण विकास अभिकरण के प्रबंध परिषद का पूर्व अनुमोदन प्राप्त नहीं करने का आरोप है.
वहीं, मनरेगा के तहत पौधरोपण योजनाओं में समय पर मजदूरी भुगतान नहीं करना और फर्जी मस्टर रोल के आधार पर बिना मस्टर रोल सत्यापन के सरकारी राशि का भुगतान करने का आरोप है. जॉब कार्ड को मजदूरों के पास रखने की बजाय कार्यकारी एजेंसी अथवा एनजीओ द्वारा अपने पास रखा जाना. मनरेगा अधिनियम के विपरीत बगैर मापी प्राप्त किये मस्टर रोल का सत्यापन करना और बगैर योजना स्थल का निरीक्षण किये कुल 23 योजनाओं में लगभग 47 लाख रुपये का अग्रिम भुगतान करना शामिल है, जो नियम विरुद्ध है.
इसके अलावा मनरेगा के अंतर्गत ग्रेड वन पथ, चेकडैम, पौधरोपण, तालाब निर्माण की 30 योजनाओं को अनधिकृत रूप से लेना, जबकि जिले में आदर्श आचार संहिता लागू था. योजनाओं में बगैर तकनीकी स्वीकृति प्राप्त किये योजना की स्वीकृति प्रखंड स्तर पर देना और ग्राम सभा का आयोजन फर्जी तरीके से करके 34 लाख रुपये का अग्रिम भुगतान करना शामिल है. उनके द्वारा प्रथम एडवांस भुगतान के बाद द्वितीय एडवांस का भी भुगतान बिना कोई कार्य कराये करने का भी आरोप है.
बुंडू के तत्कालीन
बीडीओ ललन ने बिना स्वीकृति एनजीओ को दिया वर्कऑर्डर
कटकमदाग की तत्कालीन बीडीओ
प्रीति सिन्हा ने मनरेगा समेत अन्य योजनाओं में बरती लापरवाही
मनरेगा में नहीं किये नियम संगत कार्य
मुख्यमंत्री ने हजारीबाग जिले के कटकमदाग प्रखंड की तत्कालीन बीडीओ प्रीति सिन्हा के खिलाफ दो वेतन वृद्धि पर रोक का दंड यथावत रखने के प्रस्ताव को स्वीकृति दे दी है. उनके विरुद्ध मनरेगा योजनाओं में हर प्रखंड में न्यूनतम प्रतिदिन 100 मानव दिवस प्रति पंचायत सृजन करने के लक्ष्य के विरुद्ध मात्र 19 मानव दिवस का सृजन करने, डोभा निर्माण के कुल लक्ष्य 507 के विरुद्ध मात्र 81 डोभा का क्रियान्वयन प्रारंभ कराने और मात्र 28 प्रतिशत जॉब कार्ड का सत्यापन कराने का आरोप है.
साथ ही विभागीय निर्देशों के विरुद्ध वित्तीय वर्ष 2014-15, 2015-16 तथा 2016-17 की लंबित योजनाओं को पूरा नहीं कराने, मनरेगा योजनाओं के तहत कुल 13 प्रतिशत विलंबित भुगतान का मामला रहने और मात्र छह प्रतिशत परिसंपत्तियों का ही जियो टैगिंग कराने का आरोप है.
बारिश में घाटों से न हो बालू का उठाव – सीएम : मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने निर्देश दिया है कि हर हाल में बालू घाटों के संदर्भ में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) के आदेश का अनुपालन होना चाहिए. उन्होंने इस संबंध में खान विभाग को सभी उपायुक्तों को पत्र भेजने का निर्देश दिया है. मुख्यमंत्री ने कहा कि एनजीटी द्वारा वर्षा ऋतु (10 जून से 15 अक्तूबर) तक बालू घाटों से बालू के उठाव पर रोक लगा रखी है. इसके बावजूद उक्त अवधि में बालू के अवैध उठाव की सूचना मिल रही है. यह सुनिश्चित किया जाये कि किसी भी हाल में घाटों से बालू का उठाव न हो.
अवैध बालू उत्खनन का मामला सामने आने पर दंडात्मक कार्रवाई करें. सीएम ने कहा है कि सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन में बालू की आवश्यकता एवं कोविड महामारी में मजदूरों के सामने उत्पन्न रोजगार की समस्या को ध्यान रखते हुए भंडारण स्थल(स्टॉकिस्ट) से बालू उठाव के लिए कुछ निर्देशों का पालन किया जाये.
स्टॉकिस्ट के लिए निर्देश
– सभी डीएमओ भंडारण स्थल पर 10 जून के पूर्व के बालू के भंडार का सत्यापन करेंगे. इसके अनुसार ही परमिट एवं चालान जारी करने की अनुमति देंगे.
– भंडारण स्थल से बालू का परिवहन केवल ट्रैक्टर से किया जाये. बड़े वाहन जैसे हाइवा, डंपर का उपयोग नहीं किया जायेगा.
– कार्य स्थल पर मजदूरों की मजदूरी का भुगतान सरकार द्वारा तय दर पर ही की जायेगी
– भंडारण स्थल से बालू के स्टॉक का निरीक्षण समय-समय पर किया जाये.
– भंडारण स्थल से बालू की बिक्री/आपूर्ति में सरकारी योजनाओं में आवश्यकता को प्राथमिकता दी जाये