कोडरमा जिला जज द्वितीय अजय कुमार सिंह की अदालत ने नाबालिग बच्ची का तस्करी कर उतर प्रदेश में बेचने के मामले में सुनवाई करते हुए पांच दोषियों को 14 -14 साल की सश्रम कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही सभी आरोपियों को 25-25 हजार रुपये का आर्थिक जुर्माना लगाया गया है. जुर्माने की राशि नहीं देने पर आरोपियों को अतिरिक्त दो-दो साल की कारावास की सजा भुगतनी पड़ेगी. मामला पांच जनवरी, 2022 का है. इस मामले में बिहार और उत्तर प्रदेश की दो महिला सहित पांच दोषियों का सजा सुनायी गयी है.
इन दोषियों को मिली सजा
मानव तस्करी मामले में कोर्ट ने जिन दोषियों को सजा सुनायी उसमें बिहार के हसुआ निवासी मगिता देवी पति हरिओम चौधरी, गया के बजीरगंज निवासी पूजा देवी पति मनोज चौधरी, जहानाबाद के कल्याणपुर निवासी राजेंद्र कुमार पिता स्वर्गीय इतवारी लाल, उत्तर प्रदेश के पीलीभीत निवासी हरिओम चौधरी पिता बाबूलाल चौधरी और पीलीभीत के गजरौला निवासी राम कुमार पिता स्वर्गीय सुंदर लाल को सजा मिली है.
क्या है मामला
पांच जनवरी, 2022 को कोडरमा के जयनगर थाना क्षेत्र स्थित पांडु गांव से 13 वर्षीय नाबालिग को बहला- फुसला कर और प्रलोभन देकर उत्तरप्रदेश के पीलीभीत निवासी राम कुमार के पास शादी की नियत से 60 हजार रुपये में बेचने का प्रयास किया गया था. पूरे मामले को लेकर नाबालिग की मां ने जयनगर थाना में प्राथमिकी दर्ज करायी थी. इसमें पीड़िता की मां ने कहा था कि उसकी नाबालिग पुत्री पांच जनवरी, 2022 की शाम को शौच के लिए घर से बाहर गयी थी. वापस नहीं लौटने पर काफी खोजबीन की गयी, तो गांव की एक अन्य लड़की ने बताया कि उसकी बेटी को मगिता देवी और उसका पति हरिओम चौधरी बहला- फुसला कर ले गया है. पुलिस ने मामला दर्ज करते हुए पांचों आरोपियों को अलग-अलग जगह से गिरफ्तार किया गया. साथ ही नाबालिग को भी बरामद किया था.