गोड्डा: स्कूल में मध्याह्न भोजन बनने के दौरान एक दिव्यांग बच्ची खौलते चावल की हांडी में गिर गई। जांच में पता चला कि अक्सर बच्ची को खाना बनाने में मदद करने के लिए दबाव बनाया जाता था।
इस हादसे में छात्रा गंभीर रूप से घायल है। यह पहली बार नहीं जब झारखंड के किसी स्कूल में मध्याह्न भोजन बनने के दौरान हादसा हुआ हो इससे पहले भी पलामू जिले में दो बच्चियां इसी तरह के हादसे का शिकार हुई थी। इस हादसे में दोनों बच्चियों की मौत हो गयी थी। सरकार स्कूलों में मध्याह्न भोजन को लेकर नयी रणनीति बना रही है दूसरी तरफ बच्चों की सुरक्षा को लेकर कोई उपाय नहीं है। यह घटना महागामा अनुमंडल के राजकीयकृत मध्य विद्यालय लौगांय की है।
शिक्षक जुबेर आलम अंजू ने घटना के संबंध में बहताया कि प्रधान अध्यापक विद्यालय में अनुपस्थित हैं और 4 रसोईया में से सिर्फ 1 रसोईया नूरजहां ही स्कूल पहुंची थी। कक्षा सात की छात्रा फिज़ा खातून से चावल का पानी (मांड)निकालने का काम कराया जा रहा था। इसी दौरान यह हादसा हुआ। जांच में यह भी पाया गया कि विद्यालय में पदस्थापित 10 शिक्षकों में से 3 शिक्षक घटना के दिन उपस्थित थे।इस वक्त फिजा का इलाज सदर अस्पताल गोड्डा में चल रहा है। क्लास के बच्चों ने यह भी बताया कि फिजा से ही हर दिन काम कराया जाता था। वह हर दिन बच्चों को खाना भी परोसती थी। छात्रा दिव्यांग है।
इस घटना को लेकर जांच शुरू हो गयी है। इस घटना को लेकर भाजपा जिला अध्यक्ष राजीव मेहता ने कहा,जिला प्रशासन, विद्यालय प्रबंधन समिति, विद्यालय के कर्मियों, शिक्षकों, रसोईया की लापरवाही की वजह से यह हादसा हुआ। एक बच्ची से कैसे कोई इस तरह का काम करा सकता है। कर्मियों के ऊपर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए
फिजा के पिता मोहम्मद मंजूर अंसारी ने भी कहा कि मेरी बेटी दिव्यांग है। वह पानी पीने गयी थी तो उसे रसोइये ने चावल की हांडी पकड़ने के लिए कहा। छात्रा ने गर्म हांडी पकड़ने में असमर्थता जताई। लेकिन फिर भी छात्रा को गर्म चावल की हांडी चूल्हे से उतारने के लिए कहा। छात्रा हांडी का भार सहन नहीं कर पाई और हांडी उलट गई और उसी में छात्रा गिर गई। जिससे छात्रा बुरी तरह से झुलस गई। इस हादसे में दोषी के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए