रांची: पलामू में केरल के तीन मजदूरों की स्थानीय लोगों ने सोमवार को पीट-पीट कर हत्या कर दी थी। अब केरल पुलिस स्थानीय लोगों को बचाने में जुट गई है और कहा है, ऐसा प्रतीत होता है कि तीनों मजदूर ट्रेन से कट गए। तीनों के शव रेलवे ट्रैक के किनारे मिले हैं। अब तक इस संबंध में केरल पुलिस की ओर से कोई एक्शन नहीं लिया गया है।
जबकि रेलवे की ओर से स्पष्ट किया गया है कि उसके किसी ट्रेन चालक ने बताए गए घटनास्थल के पास रेल से हादसे की सूचना नहीं दी है। मेदिनीनगर सदर एसडीएम सुरजीत कुमार सिंह ने कहा कि पलामू के डीसी व एसपी स्तर से केरल सरकार के प्रशासनिक अधिकारियों से संपर्क किया गया है। मजदूरों के साथ जो घटना हुई है, उसकी जांच की जा रही है। घटना को लेकर पलामू में जबर्दस्त आक्रोश है।
इस मामले की जांच की मांग की जा रही है और झारखंड से एक जांच दल भेजे जाने की मांग उठी है। वहीं, इस मामले से श्रम मंत्री सत्यानंद भोक्ता पूरी तरह अनभिज्ञ हैं। जब उनसे इस संबंध में बात की गई तो उन्होंने कहा, अभी मुझे इस घटना की जानकारी नहीं। मैं क्षेत्र के दौर पर था। उन्होंने विभाग के प्रधान सचिव से इसपर जानकारी लेने और आवश्यक कार्रवाई की बात कही।
मुआवजा दिलाने की कवायद
विभाग के निर्देश पर पलामू के श्रमाधीक्षक अनिल कुमार रंजन ने पीडि़त परिवारों के घर जाकर एक-एक लाख रुपये राहत राशि देने का आश्वासन दिया। श्रमाधीक्षक के अनुसार, परिजनों को रांची स्थित लेबर कोर्ट में मुआवजा के लिए आवेदन देने को कहा गया है ताकि जिस प्रतिष्ठान में वे काम कर रहे थे उससे मुआवजा दिलाया जा सके।
आश्रितों को मिले मुआवजा
केरल में मजदूरों की हत्या की जांच व मृतकों के परिजनों को मुआवजा को लेकर जोरदार आवाज उठ रही है। लोगों का कहना है कि केरल पुलिस जिस ढंग से मामले पर पर्दा डालने की साजिश रच रही है, वह आपत्तिनजक है। झारखंड सरकार को वहां एक जांच टीम भेजनी चाहिए। भाकपा माले रेड स्टार और सामाजिक कार्यकर्ताओं की टीम ने शुक्रवार को मृतकों के आश्रितों से मुलाकात की।
आश्रितों ने टीम के सामने न्याय की मांग की। टीम ने न सिर्फ हत्या के कारणों की जांच की मांग की है बल्कि उस ठेकेदार पर भी कार्रवाई की मांग की है जो इन मजदूरों को केरल ले गया। इन मजदूरों को रजिस्ट्रेशन भी नहीं कराया गया था। जबकि राज्य सरकार ने लॉकडाउन के दौरान निर्देश दिया था कि अब बिना निबंधन के कोई मजदूर राज्य से बाहर नहीं जाएगा।
17 दिन पहले गए थे केरल
पलामू के पांडू से 17 दिन पहले मजदूरी करने के लिए अन्य मजदूरों के साथ कन्हाई विश्वकर्मा, अरविंद राम व हरिओम केरल के कोझिकोड जिला अंतर्गत कसाबा थाना के एक गांव पहुंचे थे। इन सबको पांडू निवासी संवेदक अर्जुन यादव ने वहां पहुंचाया था जहां वे क्वारंटाइन किए गए थे। सोमवार की देर शाम ये तीनों युवक क्वारंटाइन सेंटर वापस नहीं लौटे तो अन्य साथी खोजने बाहर निकले।
क्वारंटाइन सेंटर से लगभग आधा किलोमीटर की दूरी पर सड़क किनारे तीनों के शव मिले। तत्काल अन्य मजदूरों ने घटना की सूचना कंपनी और स्थानीय प्रशासन को दी। प्रशासन ने मृतकों के शव को कब्जे में लेकर पुलिस के हवाले कर दिया। तीनों शवों का पोस्टमार्टम पालहाकेट अस्पताल में किया गया। इसके बाद बुधवार को इन तीनों का शव एंबुलेंस से केरल से चला है। साथ 11 मजदूर भी हैं।
‘कोझिकोड जिला के एसपी से बात हुई है। उनसे कहा गया है कि वे इस मामले की गंभीरता से अनुसंधान करें। वहां के एसपी ने आश्वस्त किया है कि वे पूरे मामले की निष्पक्षता के साथ जांच कराएंगे। दोषियों के खिलाफ कार्रवाई होगी।’ -अजय लिंडा, एसपी, पलामू।