जमशेदपुर: जमशेदपुर पूर्वी के विधायक सह पूर्व मंत्री सरयू राय ने आरोप लगाया है कि रघुवर सरकार में स्पेशल ब्रांच के अफसर नेताओं पर नजर रखते थे। ऐसा करने के लिए गोंदा थाना के पास स्पेशल ब्रांच का एक अनधिकृत कार्यालय खोला गया था। सीडब्लूसी के सदस्य बैजनाथ प्रसाद अनधिकृत कार्यालय में संपर्क सूत्र के रूप में काम करता था।
सरयू राय ने गुरुवार को इस सिलसिले में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को चिट्ठी लिखी है, जिसमें कहा है कि उन्होंने पूरे मामले पर एक एसआइटी गठन करने की मांग की है। यह मामला काफी गंभीर है। ऐसे में जांच होनी ही चाहिए। सरयू राय ने इस मामले में एक मई को पुलिस महानिदेशक को भी चिट्ठी थी। उन्होंने एक ट्वीट भी किया था, जिसमें पुलिस की कार्यप्रणाली की तरफ इशारा किया गया था।
सरयू राय ने मुख्यमंत्री को लिखी चिटठी में कहा है कि रघुवर सरकार में विरोधी नेताओं पर किस तरह से निगरानी रखी जाती थी। किसी जनप्रतिनिधि की निजी स्वतंत्रता के हनन के मामले में शीर्ष पद पर बैठे व्यक्ति की सहमति के बिना ऐसे कुकृत्य को अंजाम देने की हिम्म्त किसी वरीय पुलिस पदाधिकारी की नहीं होगी।
सरयू ने डीजीपी को क्या भेजी थी सूचना
सरयू राय ने एक मई को डीजीपी को पत्र लिखकर झारखंड पुलिस की विशेष शाखा द्वारा उनकी गतिविधियों पर नजर रखे जाने का आरोप लगाया था। 2017 में संताल परगना दूसरी घटना 2018 में राजभवन के बाहर हुई थी। राजभवन के सामने स्पेशल ब्रांच के एक सिपाही की भूमिका दिखी थी। दोनों ही घटनाओं में उनपर नजर रखने वाले विशेष शाखा के पुलिस कर्मी थे। साहेबगंज में संबंधित व्यक्ति के पकड़े जाने पर उसने स्वीकार किया था कि वो विशेष शाखा में इंस्पेक्टर है। रघुवर सरकार के निर्देश पर रांची के कांके रोड स्थित गोंदा थाना के पीछे एक भवन में स्पेशल ब्रांच का एक अनधिकृत कार्यालय था, जिसमें आठ कंप्यूटर और आठ लोग नियुक्त थे, जो स्पेशल ब्रांच के थे। यहां पर रिकॉर्डिंग करने वाली संवेदनशील मशीनें भी लगी थीं। कार्यालय में डीएसपी स्तर के तीन अधिकारी नियुक्त थे। इस कार्यालय से विभिन्न नेताओं की गतिविधियों पर नजर रखी जाती थी और उनके फोन टैप होते थे। इसी प्रकार की एक व्यवस्था सीआइडी मुख्यालय में भी की गयी थी, जिसके लिए स्पेशल ब्रांच के 15 कर्मी नियुक्त थे।