रांची : राजधानी के हरमू में बने इलेक्ट्रिक शवदाह गृह का शुक्रवार से संचालन शुरू हो गया है. मेयर आशा लकड़ा की उपस्थिति में आज इस शवदाह गृह में एक शव को जलाया गया. परीक्षण पूरी तरह से सफल रहा. इलेक्ट्रिक शवदाह गृह कां सचालन मारवाड़ी सहायक समिति को मिला है. समिति के प्रयासों से ही इसका संचालन किया जा रहा है.
इसका परीक्षण बिजली से नहीं, एलपीजी गैस से किया गया. मारवाड़ी सहायक समिति ने इस शवदाह गृह का नाम मोक्षधाम रखा है. इस दौरान डिप्टी मेयर संजीव विजयवर्गीय, वार्ड 26 के पार्षद अरूण झा सहित मारवाड़ी सहायक समिति से जुड़े लोग उपस्थित थे.
मोक्षधाम रखा गया है इलेक्ट्रिक शवदाह गृह का नाम
शवदाह गृह में पहली बार रिम्स के लावारिस शव को जलाया गया. बताया गया कि करीब 45 मिनट में डेड बॉडी पूरी तरह से जल गयी. इससे जहां एलपीजी मशीन के भट्ठे की सफलता पूर्वक जांच पूरी हुई. इसका भी आंकलन किया गया कि डेड बॉडी को जलाने में कितना समय लगता है.
समिति के अध्यक्ष प्रदीप राजगढ़िया ने मीडिया को बताया है कि शवदाह गृह में लगाये गये दोनों भट्ठे में एक साथ दो शव जलाये जा सकते हैं. एक घंटे के अंदर मृतक के परिजन अस्थियां लेकर वापस जा सकते हैं.
गरीब परिवारों को मिलेगा 50 प्रतिशत रिबेट
बता दें कि बीते 12 मई को इस विद्यत इलेक्ट्रिक शवदाह गृह का एक ट्रायल हुआ था. इस दौरान वार्ड 26 के पार्षद अरूण कुमार झा ने बताया था कि इस शवदाह गृह का टेक्निकल काम पूरा हो चुका है. सिविल वर्क का बाहर का काम अभी चल रहा है. जून तक इसके तैयार होने की संभावना है.
जल्द ही एक डेड बॉडी को इसमें जलाकर इसका परीक्षण किया जाएगा. उन्होंने यह भी कहा था कि कहा कि निगम और मारवाड़ी सहायक समिति ने यह फैसला किया है कि इस शवदाह गृह में बॉडी जलाने का एक फिक्सड चार्ज तय किया जाएगा.
लेकिन गरीब परिवारों को इसमें अपने संबंधियों के बॉडी जलाने पर 50 प्रतिशत का रिबेट भी मिलेगा. अब यह निर्णय हुआ है कि इलेक्ट्रिक विद्युत शवदाह गृह में (मोक्षधाम) सामान्य परिवार के मृतक के शव जलाने के लिए 1800 व बीपीएल के लिए 900 रुपए तय हुए हैं.