राजधानी पटना पर बाढ़ का खतरा बढ़ता जा रहा है। इसके चारों ओर 5 नदियां बहती हैं। इनमें चार खतरे के निशान को पार कर गई हैं। गंगा, पुनपुन, दरधा और कररुआ नदियों का जलस्तर सोमवार देर रात लाल निशान पार कर गया।
सोन नदी का जलस्तर भी तेजी से बढ़ रहा है। हालांकि, अभी इसका जलस्तर खतरे के निशान से नीचे है। इन नदियों में पानी की अप्रत्याशित बढ़ोतरी के कारण पटना के निचले इलाके में तेजी से पानी फैलने लगा है। प्रशासन बांधों के ऊपर बह रहे पानी को कंट्रोल करने के लिए रेत से भरी बोरियां लगा रहा है। नदियों का जल स्तर ऐसे ही बढ़ता रहा तो पटना में भी बाढ़ का खतरनाक मंजर देखने को मिल सकता है।
पुनपुन नदी का जलस्तर 24 घंटे में 2.16 मीटर बढ़ गया, जबकि दरधा नदी का जलस्तर 1.70 मीटर तक बढ़ गया। गंगा नदी पटना के गांधी घाट पर दिन में खतरे के निशान से मात्र 7 सेंटीमीटर ही नीचे था। शाम होते-होते यह खतरे के निशान पर पहुंच गया और देर रात इसे पार कर गया। इसी तरह दीघा में खतरे के निशान से 95 सेमी नीचे रह गई है। गंगा के जलस्तर में अगले 24 घंटे में 55 सेंटीमीटर और 48 घंटे में 84 सेंटीमीटर वृद्धि का अनुमान है।
कोल्हाचक, सतपरसा, गुलरियाबिगहा, रूपसपुर सहित अन्य दर्जनों इलाकों में तटबंध से ऊपर पानी बह रहा है। इससे खतरा बढ़ गया है। बाढ़ प्रभावित इलाकों में सामुदायिक रसोई चलाई जा रही है। कोल्हाचक मुसहरी के प्रभावित 40 परिवारों के बीच सोमवार से ही सामुदायिक रसोई शुरू कर दी गई है। दरधा नदी के बांध पर कई जगहों पर दबाव बना है, जिसकी मरम्मत का काम भी तेजी से चल रहा है।
जहानाबाद से आ रहा पानी
पटना जिला प्रशासन के मुताबिक, जहानाबाद का पानी दरधा नदी में आता है। फतुहा प्रखंड के दो बरसाती नदियों भुतही और महात्माइन में पानी ज्यादा है। मसाढ़ी पंचायत के दौलतपुर गांव में पानी फैला है। जिलाधिकारी डॉ चंद्रशेखर सिंह ने संबंधित अनुमंडल पदाधिकारी, अंचलाधिकारी, प्रखंड विकास पदाधिकारी सहित जल संसाधन विभाग की पूरी टीम को अलर्ट मोड पर कर दिया है। संबंधित गांव के जनप्रतिनिधियों से संपर्क बनाए रखने तथा त्वरित कार्रवाई करने का आदेश दिया है।
संवेदनशील इलाकों में अलर्ट
बाढ़ के संवेदनशील इलाकों को पूरी तरह से अलर्ट मोड पर रखा गया है। इस क्षेत्र में अधिकारियों को हमेशा मोबाइल पर रहने का निर्देश है। प्रभावित इलाकों में सामुदायिक रसोई की व्यवस्था करने के साथ लोगों की हर तरह से मदद पहुंचाने का निर्देश है। अफसरों को निर्देश है कि वह किसी भी दशा में क्षेत्र नहीं छोड़ें, कभी स्थिति गंभीर हो सकती है। दरधा नदी में ओवरफ्लो को रोकने के लिए संवेदनशील जगहों पर जल संसाधन की व्यवस्था करने का निर्देश दिया गया है।
जिला प्रशासन की टीम द्वारा स्थानीय लोगों के सहयोग में लगी है। प्रशासन का कहना है कि पानी इसी तरह से बढ़ता रहा तो आने वाले समय में समस्या बढ़ जाएगी।