रांची : कोरोना महामारी में सबसे अहम रोल टेस्टिंग का है. टेस्ट के आधार पर ही पता लगाया जाता है कि मरीज कोरोना से संक्रमित है या नहीं. कोरोना के सेकंड वेव के बीच रिम्स के माइक्रोबायोलॉजी विभाग ने टेस्टिंग का एक और कीर्तिमान बना दिया है.कोरोना के 4 लाख से ज्यादा सैंपल की आरटीपीसीआर जांच की जा चुकी है. जिसमें 29,121 की रिपोर्ट पॉजिटिव आई जबकि 3 लाख 71 हजार 374 लोगों की रिपोर्ट निगेटिव आई है.
डॉक्टर और कर्मचारियों के समर्पण के कारण संभव हो पायाः डॉ मनोज
विभाग के एचओडी डॉ मनोज कुमार ने बताया कि विभाग में पिछले साल 24 मार्च से कोरोना की टेस्टिंग शुरु की गई थी. उसी समय से विभाग में हर माह हजारो टेस्ट किए जा रहे हैं.उन्होंने कहा कि यह सब उनके डॉक्टर और कर्मचारियों के समर्पण के कारण संभव हो पाया है. डॉ मनोज ने इसके लिए उनकी पूरी टीम को बधाई दी है.
डॉ मनोज ने कहा कि रिम्स में आए दिन डॉक्टर और कर्मचारी कोरोना संक्रमित हो रहे हैं. इसके बावजूद भी सभी लोगों के अच्छे स्वास्थ्य के लिए दिन रात जांच में जुटे हैं जो कि निश्चित रूप से रिम्स के कर्मचारियों और माइक्रोबायोलॉजी विभाग के समर्पण को दिखलाता है.