रांची। झारखंड में कोरोना मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। अब तक कोरोना के 203 मामले सामने आ चुके हैं। खासकर बाहर से प्रवासियों के लौटने के बाद संक्रमित मरीजों के मिलने का सिलसिला चल पड़ा है। बीते दिन एक साथ 22 कोरोना संक्रमितों की पहचान की गई है। गढ़वा, पलामू और हजारीबाग में घर पहुंचे बड़ी संख्या में प्रवासी मजदूरों में संक्रमण के हालात बिगड़ते जा रहे हैं।
इधर देशभर में कोरोना वायरस महामारी के बढ़ते मामलों को लेकर पीएम मोदी ने पहले ही लॉक डाउन 4 की घोषणा कर दी है। हालांकि इसके स्वरूप को लेकर अभी आधिकारिक एलान नहीं किया गया है। झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने लॉकडाउन 4.0 में केंद्र के निर्णय के साथ चलने का फैसला किया है। ऐसे में राज्य के विभिन्न जिलों के लिए लॉक डाउन की रूप-रेखा पर यहां तेजी से काम हो रहा है। जिन इलाकों में अभी एक भी कोरोना मरीज नहीं मिले हैं, वहां लॉकडाउन खोलने पर भी विचार किया जा रहा है।
बता दें कि इससे पहले 17 मई तक लागू किए गए लॉकडाउन में झारखंड में केंद्र सरकार के द्वारा जारी किए गए दिशा-निर्देशों से इतर कड़े नियम अपनाए थे। तब सीएम हेमंत सोरेन ने गृह मंत्रालय की ओर से लॉक डाउन में दी गई छूटों को किनारे रखते हुए केंद्र के निर्देश नहीं लागू करने की बात कही थी। इसे कोरोना से जंग में अहम फैसला माना गया।
कोराना वायरस महामारी के झारखंड में फैलाव की बात करें तो यह संकट अबतक राज्य के 24 में से 14 जिलों को अपनी चपेट में ले चुका है। राजधानी रांची सर्वाधिक प्रभावित इलाके में शुमार है। झारखंड के 203 कोरोना मरीजों में से अकेले 100 रांची के हैं। इसके बाद गढ़वा जिले में 23 कोरोना संक्रमितों की पहचान की जा चुकी है। पलामू में 15, हजारीबाग में 12, बोकारो में 10 मामले अबतक सामने आ चुके हैं। हालांकि झारखंड में कोरोना से अबतक सिर्फ 2 मौतें हुई हैं। जबकि 83 संक्रमित इस जानलेवा बीमारी से लड़कर जिंदगी की जंग जीत चुके हैं।