रांची: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा है कि कोरोना संक्रमण को देखते हुए बच्चों के हित में झारखंड एकेडमिक काउंसिल की दसवीं एवं बारहवीं की परीक्षाएं रद करने का निर्णय लिया गया है। उनके अनुसार जैक बोर्ड की भी इन दोनों परीक्षाओं का परिणाम सीबीएसई एवं अन्य बोर्ड के साथ या पहले जारी किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि चूंकि सीबीएसई, आइसीएसई तथा कई अन्य राज्यों द्वारा 10वीं और 12वीं की परीक्षा रद करने के साथ ही परीक्षाफल के प्रकाशन की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
ऐसे में झारखंड बोर्ड से पंजीकृत विद्यार्थियों के हित में आवश्यक होगा कि अन्य सभी बोर्ड के साथ ही अथवा उसके कुछ दिन पहले या तुरंत बाद झारखंड बोर्ड का भी परीक्षाफल प्रकाशित हो। इसे सुनिश्चित करने के निर्देश स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग को दिए गए हैं, ताकि कॉलेजों में शुरू होनेवाली नामांकन प्रक्रिया में झारखंड बोर्ड के विद्यार्थियों को किसी तरह की परेशानी का सामना नहीं करना पड़े ।
अंक नहीं देखें बच्चे, ज्ञान के आधार पर ही बढ़ पाएंगे आगे
राज्य के प्रतिष्ठित नेतरहाट आवासीय विद्यालय के प्राचार्य डाॅ. संतोष कुमार सिंह ने जैक की दसवीं व बारहवीं की परीक्षाएं रद करने तथा पिछली परीक्षाओं के अंकों के आधार पर मूल्यांकन को सही ठहराया है। उन्होंने कहा कि समाज और छात्र के हित में कोई और विकल्प नहीं था। पिछली परीक्षाओं के अंकों के आधार पर मूल्यांकन का निर्णय सरकार का अच्छा कदम है। हालांकि प्राचार्य ने कहा कि शिक्षा का उद्देश्य यह नहीं है कि पिछली परीक्षाओं के आधार पर अंक मिले।
स्कूल में शिक्षक के सामने पढ़ाई करने का कोई विकल्प नहीं हो सकता। लेकिन बच्चों की जान को जोखिम में डालना भी ठीक नहीं था। उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि वे पिछली परीक्षाओं के आधार पर मिले अंकों को नहीं देखें। बच्चे ज्ञान के आधार पर ही आगे बढ़ पाएंगे, इसीलिए आनेवाले दिनों में पढ़ाई पर पूरा ध्यान दें। पढ़ने की इच्छा रखनेवाले किसी भी माध्यम से पढ़ाई कर लेंगे। विद्यार्थी अन्य माध्यमों से भी शिक्षक के संपर्क में रहें तथा उनसे मार्गदर्शन लेते रहें।