रांची: हॉकी की नर्सरी सिमडेगा के दर्जनों खिलाड़ी हर वर्ष सालोंभर राष्ट्रीय एवम अन्य खेल प्रतियोगिताओं में भाग लेने के लिए इधर उधर जाते रहते हैं इस बीच उनकी पढ़ाई छूट जाती है और सिलेबस पूरा नहीं हो पाता है। परिणाम स्वरूप उनका रिजल्ट बेहतर नहीं हो पाता है। जिसके कारण भविष्य में वे कई प्रतियोगी परीक्षाओं एवम एन. आई .एस.,बीपीएड, बीएड, इत्यादि तकनीकी ट्रेनिंग सेंटर या अच्छे यूनिवर्सिटी में नामांकन लेने में पिछड़ जाते हैं।
कुछ खिलाड़ियों को तो रेलवे, सेना इत्यादि में सीधी नौकरी मिल जाती है लेकिन कई खिलाड़ी खेल सेंटरॉ में निकलने के बाद या खेल का उम्र ढलने के बाद हाथों में अतिरिक्त डिग्री ना होने के कारण वे प्रतियोगी परीक्षाओं में भाग लेने से वंचित हो जाते हैं या खेल के दिनों में अच्छी पढ़ाई ना कर पाने के कारण अन्य प्रतिभागियों से भी प्रतियोगी परीक्षा में पिछड़ जाते हैं जिससे राज्य के लिए कई पदक प्राप्त करने वाले खिलाड़ियों को रोजगार के लिए मजदूरी तक करना पड़ जाता है।
पर हॉकी सिमडेगा ने संकल्प लिया है कि जिला के हॉकी खिलाड़ियों को हर फील्ड में निपुण कर देना है ताकि उन्हें भविष्य में जिल्लत भरी जिंदगी ना जीना पड़े ,इसलिए हॉकी सिमड़ेगा ने जिला मुख्यालय में रहकर सालों भर हॉकी की ट्रेनिंग ले रहे खिलाड़ियों के लिए प्रत्येक दिन निशुल्क कोचिंग क्लास की शुरुआत की है ।शाम में एक घंटा इन्हें सभी विषयों की क्लास हॉकी सिमडेगा के कार्यालय में कराई जाएगी। हॉकी सिमडेगा की पदाधिकारी सह पूर्व हॉकी एवम कुश्ती खिलाड़ी जो ठ.म्क् डिग्री प्राप्त प्रतिमा तिर्की अब प्रत्येक दिन इन्हे कोचिंग क्लास की तरह शाम में एक घंटा पढ़ाई कराएगी। साथ ही साथ अन्य शिक्षकों का भी सहयोग लिया जाएगा। कोचिंग क्लास के साथ ही हॉकी खिलाड़ियों के लिए सहभागी कंप्यूटर एजुकेशन के सहयोग से हॉकी सिमडेगा के द्वारा प्रत्येक रविवार को हॉकी खिलाड़ियों को कंप्यूटर की भी शिक्षा दी जा रही है पूर्व में भी हॉकी सिमडेगा के द्वारा अंग्रेजी पढ़ाई की भी व्यवस्था की गई थी।खिलाड़ियों को सार्वजनिक मंचों में बोलने या किसी बड़े लोगों से बातचीत करने में झिझक न हो इसके लिए बीच-बीच में भाषण, निबंध, क्विज इत्यादि प्रतियोगिताएं भी हॉकी सिमडेगा कराते आ रहा है। जिसका परिणाम भी बेहतर आ रहा है खेल के साथ खिलाड़ियों का सर्वांगीण विकास हो रहा है और जहां 2014 -15 के बाद से झारखंड टीम में सिमडेगा के खिलाड़ियों का बोलबाला है और राज्य के टीम के साथ साथ देश के भी टीम की कप्तानी, उप कप्तानी लगातार सिमडेगा के खिलाड़ियों को मिल रही है।
’हमारे झारखंड में सात ओलंपियन सहित एक सौ से अधिक अंतरराष्ट्रीय हॉकी खिलाड़ी हुए हैं लेकिन जेपीएससी या बीपीएससी की परीक्षाओं में शायद ही कोई हॉकी खिलाड़ी उत्तीर्ण हुए हैं ।झारखंड के हॉकी खिलाडी विश्व के सबसे बड़े खेल प्रतियोगिता ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीतने की ताकत रखते है तो इनमे जेपीएससी या यूपीएसी की परीक्षा पास करने के भी जरूर क्षमता है परंतु सही समय में सही मार्गदर्शन की कमी के कारण ऑफिसर नहीं बन पाते हैं इसी को देखते हुए हम लोगों ने हॉकी सिमडेगा के माध्यम से खिलाड़ियों के मनोबल को आगे बढ़ाने के लिए नीचे स्तर से ही अंग्रेजी, कंप्यूटर, के बाद आप कोचिंग क्लास की भी शुरुआत की है। हमारे हॉकी सिमडेगा के पदाधिकारी लगातार निस्वार्थ एवम सेवा भाव से जिला के खिलाड़ियों के विकास में लगातार अपना हर तरह का सहयोग दे रहे है।