रांची: सुप्रीम कोर्ट ने 13 अधिसूचित जिलों के शिक्षकों को अंतरिम राहत प्रदान की है। अदालत ने उनकी नियुक्ति को रद करने वाले हाई कोर्ट के आदेश पर रोक लगाते हुए मामले की अगली सुनवाई के लिए 4 नवंबर की तिथि निर्धारित की है। सुप्रीम कोर्ट ने सरकार, जेएसएससी सहित सभी प्रतिवादियों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। बात दें कि हाई कोर्ट की वृहद कोर्ट ने नियोजन नीति पर सुनवाई करते हुए 13 जिलों की नियुक्ति को रद कर दिया था। इसके खिलाफ शिक्षकों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है।
गैर अधिसूचित जिलों के परिणाम जारी करने की मांग वाली याचिका निष्पादित
झारखंड हाई कोर्ट के जस्टिस एसके द्विवेदी की अदालत में मंगलवार को हाई स्कूल शिक्षक नियुक्ति मामले में दाखिल याचिका पर सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान झारखंड कर्मचारी चयन आयोग (जेएसएससी) के जवाब के बाद अदालत ने याचिका को निष्पादित कर दिया। इस संबंध में विष्णुजीत वर्मा की ओर से हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की गई है।
शिक्षक नियुक्ति के गलत माडल पेपर मामले में 25 नवंबर को सुनवाई
झारखंड हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस डा. रवि रंजन व जस्टिस एसएन प्रसाद की खंडपीठ में मंगलवार को माडल पेपर से जुड़े एकल पीठ के आदेश को चुनौती देने वाली अपील याचिका पर सुनवाई हुई। इस दौरान झारखंड कर्मचारी चयन आयोग (जेएसएससी) की ओर से कहा गया कि इस मामले में अपील दाखिल करने वाले दस प्रार्थियों में से आठ अधिसूचित जिले से संबंधित हैं, जबकि दो गैर अधिसूचित जिले के हैं।
ऐसे में इस याचिका में संशोधन करना होगा। अदालत ने सहमति जताते हुए इस मामले में अगली सुनवाई के लिए 25 नवंबर की तिथि निर्धारित की। इस संबंध में प्रेम रंजन सहित अन्य ने एकल पीठ के आदेश को खंडपीठ में चुनौती दी है। सुनवाई के दौरान प्रार्थी की ओर से कहा गया कि हाई स्कूल शिक्षक नियुक्ति के लिए ली गई परीक्षा के माडल पेपर में कई प्रश्न गलत थे।
आयोग ने अपनी गलती भी मानी है। इस पर जेएसएससी के अधिवक्ता संजय पिपरवाल ने कहा कि इसके लिए सभी अभ्यर्थियों को पूरे माक्र्स दिए गए हैं। वहीं, इस मामले में आठ अभ्यर्थी अधिसूचित जिले से संबंधित हैं, जो सोनी कुमारी के आदेश से प्रभावित होते हैं। इन जिलों की नियुक्ति रद कर दी गई है। ऐसे में याचिका में संशोधन करना होगा।