रांची: 15 लाख ईनामी माओवादी कमांडर अमन गंझू ने आत्मसमर्पण कर दिया है। सितंबर महीने में झारखंड पुलिस और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के संयुक्त ऑपरेशन ऑक्टोपस के तहत बूढ़ा पहाड़ को नक्सलियों से खाली करा लिया गया था। अमन गंझू नक्सल विरोधी अभियान के तहत नक्सलियों से बूढ़ा पहाड़ खाली होने के बाद से ही भागा फिर रहा था।
बूढ़ा पहाड़ को खाली कराने के बाद बूढ़ा पहाड़ की चोटी पर झालूडेरा, लातेहार जिला में तीसिया एवं नवाटोली तथा झारखंड की सीमा से सटे छत्तीसगढ़ के बलरामपुर जिला में पुनदाग में सुरक्षाबलों ने कैंप स्थापित किया है। सुरक्षाबलों के कैंप की बदौलत नक्सलियों को फिर से सक्रिय होने का मौका नहीं मिल पा रहा है। यही वजह है कि उस इलाके में जो बचे हुए नक्सली है, वह या तो भागने की फिराक में हैं या फिर आत्मसमर्पण कर रहे हैं।
भाकपा माओवादियों का रीजनल कमांडर अमन गंझू उर्फ अनिल गंझू उर्फ प्रमुख सिंह भोक्ता उर्फ काजू जी उर्फ काजू भोक्ता मूल रूप से बिहार के औरंगाबाद जिले के ढिबरा थाना क्षेत्र के झरना गांव का रहने वाला है। उसने रांची के जोनल आईजी पंकज कंबोज के कार्यालय में सीआरपीएफ और झारखंड पुलिस के सीनियर अफसरों के सामने आत्मसमर्पण किया है।
बता दें कि, अमन गंजू के खिलाफ गढ़वा में 10 और लातेहार जिले में 7 मामले दर्ज हैं और गढ़वा के भंडारिया व रमकंडा थाने में सभी 10 मामले दर्ज हैं। इसके अलावा लातेहार के बारेसाढ, महुआडांड़, छिपादोहर, चंदवा और लातेहार में 7 मामले दर्ज हैं।