शनिवार को कोल इंडिया ने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति को लेकर संशोधित आदेश जारी किया है। उप महाप्रबंधक नीला प्रसाद की ओर से आदेश जारी किया गया है। कोल इंडिया बोर्ड की 26 जून को हुई बैठक में संशोधन को स्वीकृति दी गई थी। मामले पर कोल इंडिया सूत्र बताते हैं कि यह जबरन सेवानिवृत्ति नहीं है लेकिन 20 साल तक सेवा पूरी करनेवालों को वीआरएस की सुविधा ऑफर किया जाना इस बात का संकेत है कि कोल इंडिया अधिकारियों की संख्या कम करना चाहती है।
वैसे जारी आदेश में स्पष्ट उल्लेख है कि अधिकारी चाहें तो वीआरएस के लिए आवेदन कर सकते हैं। इससे उन्हें सेवानिवृत्ति के बाद के आर्थिक लाभ में कोई फर्क नहीं पड़ेगा। पीएफ, पेंशन, ग्रेच्यूटी आदि भी प्रभावित नहीं होगी। हायर स्टडी के लिए भी वीआरएस ले सकते हैं। वीआरएस के लिए तीन माह पहले आवेदन करना होगा।
आवेदन करने के बाद यदि वीआरएस नहीं लेना चाहते हैं तो यह कोल इंडिया चेयरमैन पर निर्भर करेगा कि वे अधिकारी को आगे मौका देते हैं या नहीं। आरोपी अधिकारियों या जिनके खिलाफ किसी तरह की अनुशासनात्मक कार्रवाई लंबित हो, तो वीआरएस नहीं मिलेगी। वीआरएस के लिए ऐसे अधिकारी तभी आवेदन कर सकेंगे, जब विजिलेंस से उन्हें क्लियरेंस मिलेगा। वीआरएस लेने वाले अधिकारियों को भी सेवालनिवृत्ति के बाद कंपनी की जो पोस्ट रिटायरमेंट मेडिकेयर स्कीम है, उसका लाभ मिलता रहेगा।