रांची:कोरोना महामारी के बीच रेमडेसिविर इंजेक्शन, पीपीई किट, ऑक्सीमीटर सहित अन्य दवाओं की कालाबाजारी पर रांची प्रशासन रेस हो गया है। रांची के एसडीओ उत्कर्ष गुप्ता, कोतवाली थानेदार शैलेश प्रसाद सहित अन्य अधिकारी आज अल्बर्ट एक्का चौक के समीप की दुकानों में छापेमारी करने पहुंचे। दुकानों में छापेमारी के दौरान सभी दवाओं का स्टॉक और बिक्री की गई बिल का मिलान किया गया। स्पष्ट तौर पर कीमत से ज्यादा दामों में इंजेक्शन के दाम व कीट की बिक्री पर सवाल किया गया और इसकी जांच की जा रही है। अल्बर्ट एक्का चौक के आसपास की सभी दुकानों में पुलिस और प्रशासन की छापेमारी जारी है। शहर की प्रमुख अन्य दवा दुकानों में भी छापेमारी की तैयारी चल रही है।
210 एमआरपी वाली पीपीई किट 800 में बेची
सोशल मीडिया पर दवा दुकानों में एमआरपी से कई गुना अधिक दामों पर जीवन रक्षक सामग्री बेचे जाने की शिकायतें लगातार मिल रही थी। जय हिंद फार्मा के द्वारा 210 रुपये एमआरपी वाला पीपीई किट 800 रुपये में बेचे जाने से संबंधित एक सूचना सोशल मीडिया पर वायरल हुई है। सोशल मीडिया में यह भी आरोप लगाया गया है कि अधिक कीमत पर बेचने पर दुकानदार द्वारा कहा जा रहा है कि डीसी साहब ने यही रेट फिक्स किया है। अब प्रशासन ने संबंधित दवा दुकानों पर कार्रवाई शुरू कर दी है।
कोरोना महामारी के बढ़ते संक्रमण के बीच रांची में कालाबाजारी का खेल जारी है। कुछ लोग निजी स्वार्थ के लिए आपदा को अवसर में बदलने में लगे हुए हैं। कोरोना से पीड़ित गंभीर मरीजों को लगाया जाने वाला रेमडेसिविर इंजेक्शन ब्लैक मार्केट में 25-25 हजार रुपये की दर पर बेचा जा रहा है। अपने परिजनों की जान बचाने के लिए मजबूर लोग इसकी खरीद कर रहे हैं। इंजेक्शन की खरीद करने वाले लोगों ने बताया कि उनके पास कोई दूसरा विकल्प मौजूद नहीं था। चिकित्सकों की ओर से इस इंजेक्शन को जरूरी बताए जाने के कारण उन्होंने इसकी खरीद की।