रांची: 19 साल नक्सल संगठन में कई हमलों में शामिल रहे नक्सली दशरथ उरांव ने आत्मसमर्पण किया। उस पर 59 आपराधिक मामले दर्ज हैं। झारखंड में आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति का लाभ नक्सली उठा रहे हैं। लातेहार में इस योजना के तहत कई नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है। पांच लाख के ईनामी टीएसपीसी के सबजोनल कमांडर दशरथ उरांव उर्फ रोशन पिता धनु उरांव ( सुईयाटांड, टंडवा, चतरा) ने सोमवार को लातेहार एसपी कार्यालय में पलामू आईजी राजकुमार लकड़ा के समक्ष आत्मसमर्पण किया है। इनाम की राशि पांच लाख रुपए का चेक पूरे सम्मान के साथ नक्सली को सौंपा गया।
आईजी राजकुमार लकड़ा ने कहा कि सीआरपीएफ के पदाधिकारी व लातेहार एसपी के अथक प्रयास से दशरथ उरांव ने आत्मसमर्पण किया है। यह पुलिस पदाधिकारियों के लिए बड़ी उपलब्धि है। उन्होंने कहा कि जो भी नक्सली मुख्यधारा को छोड़ अपराध की दुनिया में चले गए हैं। वह सरकार द्वारा चलाए जा रहे आत्मसमर्पण नीति का लाभ उठाएं और मुख्यधारा में लौट जाए। उन्होंने बताया कि दशरथ के आत्मसमर्पण से टीएसपीसी उग्रवादी संगठन को बड़ा नुकसान उठाना पड़ा है।
आत्मसमर्पण करने वाला टीएसपीसी के सब जोनल कमांडर दशरथ उरांव उर्फ रौशन पर कई थानों में 59 आपराधिक मामले दर्ज है। दशरथ 19 वर्षों से भाकपा माओवादी व टीएसपीसी उग्रवादी संगठन में रहते हुए कई उग्रवादी घटनाओं को अंजाम दिया।दशरथ 2004 में सबसे पहले भाकपा माओवादी में जुड़ा और वहां करीब 11 वर्षो तक भाकपा माओवादी के बड़ा विकास व नीतीश जी के दस्ते में कार्य कर चुका है। भाकपा माओवादी छोड़कर 2015 में टीएसपीसी संगठन के सुप्रीमो आक्रमण गंझू के दस्ते में शामिल हो गया। उसके बाद बालूमाथ, लातेहार, चंदवा, हेरहंज, मनिका,टंडवा,कुंडा थाना क्षेत्र में कई नक्सली घटना का अंजाम दिया है।