लॉकडाउन में प्रवासी मजदूरों को जीवन के सबसे मुश्किल हालात का सामना करना पड़ा रहा है। झारखंड के रहने वाले एक श्रमिक रवि मुंडा की कुछ ऐसे ही हालात से जूझते हुए मौत हो गई। वो नागपुर से पैदल झारखंड के लिए निकला था। लेकिन छत्तीसगढ़ में दिल के दौरे ने उसके सफर को आखिरी सफर बना दिया।
झारखण्ड के एक मजदूर की छत्तीसगढ़ में दर्दनाक मौत हो गई है। मृतक का नाम रवि मुंडा है और वो नागपुर से झारखंड जाने के लिए पैदल ही निकल गया था। बिलासपुर पहुंचने पर उसकी तबियत बिगड़ गई थी। वहीं पर उसे सिम्स यानि छत्तीसगढ़ आयुर्विज्ञान संस्थान में दाखिल कराया गया था। 400 किलोमीटर पैदल चला
नागपुर से 8 प्रवासी मजदूरों का ग्रुप झारखंड जाने के लिए पैदल ही निकला था। लॉकडाउन में 400 किलोमीटर की दूरी तय कर ये मजदूर 3 मई को बिलासपुर पहुंच गए। लेकिन यहीं पर झारखंड के सरायकेला के रहनेवाले रवि की तबीयत खराब हो गई। इसके बाद एंबुलेंस से रवि औऱ उसके बाकी सभी साथियों को सिम्स लाया गया। रवि में कोरोना के लक्षण दिखने पर उसे अलग वार्ड में भर्ती किया गया था। उसके साथ अन्य मजदूरों के सैंपल भी जांच के लिए भेजे गए थे। रवि मुंडा की हालत काफी खराब थी और वहो डिहाइड्रेशन समेत कई और बीमारियों का शिकार हो गया था।
छत्तीसगढ़ में हुआ अंतिम संस्कार
सोमवार को इलाज के दौरान रवि की मौत हो गई। श्रमिकों में रवि का भाई भी शामिल था।उसी ने सरायकेला में अपने घरवालों से बात करने के बाद रवि का अंतिम संस्कार बिलासपुर में करने का अनुरोध किया था। एक संस्था पहल की मदद से रवि का सिम्स प्रबंधन ने 6 मई को अंतिम संस्कार कर दिया है।
सिम्स के मुताबिक सोमवार की सुबह करीब 7 बजे रवि की मौत हुई थी। लक्षण को देखते हुए और रिपोर्ट के इंतजार में उसके शव को शवगृह में रखवाया गया था। सभी 8 मरीजों का कोविड-19 टेस्ट भी कराया था। अब सभी की रिपोर्ट निगेटिव आई है। रवि की मौत की वजह दिल का दौरा पड़ना था।
पुलिस भी ले रही जानकारी
बिलासपुर जिले के SP प्रशांत अग्रवाल के मुताबिक इस बात की जानकारी ली जा रही है कि मजदूर नागपुर से बिलासपुर कैसे पहुंचे। SP का कहना है कि शायद ये मजदूर पैदल निकले हों और रास्ते में कुछ दूर तक किसी वाहन से लिफ्ट लेते हुए बिलासपुर के निकट पहुंच गए। हालांकि शहर के नजदीर ही रवि की तबीयत बिगड़ी थी जिसके बाद उसे एंबुलेंस से सिम्स ले आया गया।