रांचीः चिरुडीह गोली कांड मामले में पूर्व मंत्री योगेंद्र साव, पत्नी पूर्व विधायक निर्मला देवी को अदालत ने 10 साल की सजा सुनाई है. रांची सिविल कोर्ट के अपर न्यायायुक्त विशाल श्रीवास्तव की कोर्ट में सजा सुनाई है. पूर्व मंत्री योगेंद्र साव भी रख रहे अपना पक्ष, कोर्ट को बताया घटना के समय नहींं थे मौजूद, अधिकारियो ने फंसाया है मुझे..
बता दें कि योगेंद्र साव 15 अप्रैल 2019 से लगातार जेल में हैं, जबकि दोषी पाए जाने पर निर्मला देवी को 22 मार्च को जेल भेजा गया था. बड़कागांव कांड संख्या 228/16 के तहत बड़कागांव थाना में मामला दर्ज हुआ था. न्यायालय में चल रहे ट्रायल के दौरान अभियोजन पक्ष ने 20 गवाहों की गवाही कराई थी.
क्या है मामला
बता दें कि वर्ष 2015 में हजारीबाग के बड़कागांव के चिरूडीह गांव में कफन सत्याग्रह आंदोलन चल रहा था. पुलिस प्रशासन लगातार उसे खत्म कराने की कोशिश कर रहा था. इसके लिए कई दौर पर बातचीत हुई, लेकिन प्रशासन को नाकामी मिली थी. इस बीच आंदोलनकारियों ने खनन कार्य में लगी मशीनें रोक दीं, जिसके बाद बड़कागांव की तत्कालीन विधायक नर्मिला देवी को गिरफ्तार कर लिया गया. इस गिरफ्तारी से नाराज ग्रामीणों ने पुलिस पर पथराव शुरू कर दिया. इसी बीच गांववाले निर्मला देवी को पुलिस हिरासत से छुड़ाकर ले गए. पुलिस ने भीड़ पर लाठीचार्ज कर दिया और बाद में पुलिस ने फायरिंग की, जिसमें कई ग्रामीणों की मौत भी हो गई. इस मामले में प्रशासन ने 2 दर्जन से अधिक मामले दर्ज कराए थे, जिनमें से 11 मामलों में योगेंद्र साव बरी हो चुके हैं.
विधायक बेटी अंबा प्रसाद ने हाई कोर्ट से मामले में जांच की मांग की
बुधवार को अपने पिता पूर्व मंत्री योगेंद्र साव और मां निर्मला देवी को चिरूडीह गोलीकांड में अदालत द्वारा दोषी करार दिए जाने के बाद बेटी विधायक अंबा प्रसाद ने विधानसभा सत्र शुरू होने के पूर्व विस परिसर में धरने में बैठी. विधायक अंबा का कहना था कि इस मामले में उनके पिता और मां को फंसाया गया है. इसलिए इस मामले की फिर जांच होनी चाहिए. उन्होंने हाई कोर्ट के सीटिंग जज की अध्यक्षता में कमेटी गठित कर इस मामले की निष्पक्षता से जांच कराने की मांग सरकार से की है.