रांची: झारखंड उच्च न्यायालय ने असिस्टेंट इंजीनियर नियुक्ति के प्रारंभिक परीक्षा में आरक्षण के खिलाफ दायर याचिका को खारिज कर दिया है। इससे पहले 4 जुलाई को हुई सुनवाई में दोनों पक्षों को सुनने के बाद अदालत ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।
उच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति राजेश शंकर की अदालत में पिछली सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता राजीव रंजन ने पक्ष रखते हुए अदालत को बताया था कि इस नियुक्ति में किसी तरह का आरक्षण नहीं दिया गया है और स्क्रीनिंग की लिस्ट विज्ञापन के अनुरूप जारी की गयी है।
असिस्टेंट इंजीनियर नियुक्ति की पीटी परीक्षा में आरक्षण दिये जाने के खिलाफ भास्कर कुमार और अन्य की ओर से याचिका दाखिल की गयी थी, लेकिन कोर्ट ने उनकी याचिका खारिज कर दी। राज्य सरकार की ओर से बहस करते हुए महाधिवक्ता ने अदालत को बताया कि जेपीएससी ने जो रिजल्ट जारी किया है, वह नियुक्ति की विज्ञापन की शर्ता के मुताबिक है। अनरिजर्व केटेगरी में रिजर्व केटेगरी के अभ्यर्थियों को एडजस्ट किया गया है, जो गलत नहीं है, जो भी प्रक्रिया अपनायी गयी है, वह नियमसंगत है।
अदालत में जेपीएससी की से अधिवक्ता संजोय पिपरवाल और प्रिंस कुमार ने कोर्ट को बताया था कि अनरिजर्व केटेगरी में रिजर्व केटेगरी के अभ्यर्थियों को समाहित करना गलत नहीं है। वहीं प्रार्थियों की ओर से अधिवक्ता अमृतांश वत्स और हस्तक्षेप याचिका दायर करने वाले अभ्यर्थियों की ओर से अधिवक्ता इंद्रजीत सिन्हा ने अदालत में पक्षा रखा।