नई दिल्ली: देश के नाम संबोधन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 20 लाख करोड़ रुपये के विशेष आर्थिक पैकेज का एलान किया. उन्होंने कहा कि ये पैकेज भारत की जीडीपी का करीब दस फीसदी है. ये पैकेज आत्म निर्भर भारत बनाने के लिए काम करेगा. ये पैकेज देश की विकास यात्रा को नई गति देगा.
पीएम मोदी ने कहा, ‘’ हाल में सरकार ने कोरोना संकट से जुड़ी जो आर्थिक घोषणाएं की थीं जो रिजर्व बैंक के फैसले थे और आज जिस आर्थिक पैकेज का ऐलान हो रहा है उसे जोड़ दें तो ये करीब-करीब 20 लाख करोड़ रुपए का है. ये पैकेज भारत की GDP का करीब-करीब 10 प्रतिशत है.’’
एक वायरस ने दुनिया को तहस नहस कर दिया
पीएम मोदी ने कहा अपने संबोधन के शुरुआत में कहा, ’’सभी देशवासियों को आदर पूर्वक नमस्कार, कोरोना संक्रमण से मुकाबला करते हुए दुनिया को अब चार महीने से ज्यादा हो रहे हैं. साथियों, एक वायरस ने दुनिया को तहस-नहस कर दिया है. विश्व भर में करोड़ों जिंदगियां संकट का सामना कर रही हैं. सारी दुनिया, जिंदगी बचाने की जंग में जुटी है.’’
थकना और हारना मानव को मंजूर नहीं
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘’लेकिन थकना, हारना, टूटना-बिखरना, मानव को मंजूर नहीं है. सतर्क रहते हुए, ऐसी जंग के सभी नियमों का पालन करते हुए, अब हमें बचना भी है और आगे भी बढ़ना है.’’
एक राष्ट्र के रूप में हम अहम मोड़ पर खड़े हैं
पीएम मोदी ने कहा, ‘’21वीं सदी भारत की हो ये हमारा सपना नहीं, ये हम सभी की जिम्मेदारी है. विश्व की आज की स्थिति हमें सिखाती है कि इसका मार्ग एक ही है आत्मनिर्भर भारत. एक राष्ट्र के रूप में आज हम एक बहुत ही अहम मोड़ पर खड़े हैं. इतनी बड़ी आपदा भारत के लिए एक संकेत लेकर आई है, एक संदेश लेकर आई है, एक अवसर लेकर आई है. जब कोरोना संकट शुरु हुआ तब भारत में एक भी पीपीई (PPE) किट नहीं बनती थी. एन-95 मास्क का भारत में नाममात्र उत्पादन होता था. आज स्थिति ये है कि भारत में ही हर रोज 2 लाख PPE और 2 लाख एन-95 मास्क बनाए जा रहे हैं.’’
इसके साथ ही उन्होंन कहा कि विश्व के सामने भारत का मूलभूत चिंतन आशा की किरण नजर आता है. भारत की संस्कृति, भारत के संस्कार, उस आत्मनिर्भरता की बात करते हैं जिसकी आत्मा वसुधैव कुटुंबकम है.
पीएम मोदी का कोरोना काल में ये देश के नाम पांचवा संबोधन था. इससे पहले पीएम मोदी ने 19 मार्च, 24 मार्च, 3 अप्रैल और 14 अप्रैल को देश को संबोधित किया था. वहीं कल सोमवार को पीएम मोदी ने कोरोना वायरस को लेकर सभी राज्यों के सीएम के साथ पांचवी बार बैठक की थी. ये बैठक करीब सवा छह घंटे तक चली थी. इसमें सभी राज्यों को मुख्यमंत्रियों ने अपनी-अपनी बात रखी और सुझाव दिए थे. पीएम मोदी ने 15 मई तक सभी राज्यों के सीएम से ब्लूप्रिंट मांगा था.