झारखंड में आज से मौसम करवट लेने वाली है. बंगाल की खाड़ी में बन रहे कम दबाव के क्षेत्र की वजह से झमाझम बारिश का पूर्वानुमान लगाया गया है. मौसम विभाग के मुताबिक अधिकतर इलाकों में तेज हवाओं के साथ भारी वर्षा की संभावना जतायी जा रही है. मौसम के बदलते करवट की वजह से कम बारिश के कारण सूखे जैसी स्थिति का सामना कर रहे झारखंड के किसानों में उम्मीद देखी जा रही है.
मौसम विभाग के अधिकारी के मुताबिक सोमवार से ही मौसम में बदलाव होने की उम्मीद है. ऐसी आशंका जतायी जा रही है कि देर शाम तक भारी बारिश हो सकती है. बारिश का यह क्रम मंगलवार और बुधवार तक जारी रहने का पूर्वानुमान लगाया गया है. मौसम विभाग के मुताबिक वर्तमान में एक निम्न दबाव का क्षेत्र उत्तर-पश्चिम और ओडिशा से सटे पश्चिम-मध्य बंगाल की खाड़ी और उससे सटे उत्तरी आंध्र प्रदेश के तटों पर स्थित है. इस वजह से मौसम में बदलाव की उम्मीद है. रांची मौसम विज्ञान केंद्र के प्रभारी अभिषेक आनंद के मुताबिक अगले 48 घंटों के दौरान ओडिशा तट के निकट बंगाल की खाड़ी में बन रहे कम दबाव के क्षेत्र के चलते झारखंड के लगभग सभी इलाकों में सोमवार से अगले कई दिनों तक तेज हवाओं के साथ भारी वर्षा होने की संभावना है.
उन्होंने बताया कि कम बारिश के कारण सूखे जैसी स्थिति का सामना कर रहे झारखंड में सोमवार से तीन से चार दिनों तक भारी बारिश होने की संभावना है. उन्होंने बताया कि कम दबाव का क्षेत्र ओडिशा के तट से सटे पश्चिम-मध्य बंगाल की खाड़ी और उससे सटे उत्तरी आंध्र प्रदेश के तटों पर बना हुआ है जिसके चलते राज्य के अधिकतर इलाकों में लगभग 50 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं चलेंगी और जमकर वर्षा भी होगी. अभिषेक आनंद ने बताया कि मध्य एवं दक्षिणी झारखंड में विशेषकर अधिक वर्षा होने की संभावना है.
मौसम विभाग ने झारखंड के दक्षिणी और मध्य हिस्सों के लिए ‘येलो अलर्ट’ भी जारी किया है. जिसमें 40-50 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं चल सकती हैं. भारी बारिश होने की संभावना है और इस दौरान कई स्थानों पर वज्रपात भी हो सकता है. सोमवार को पूर्वी सिंहभूम, पश्चिमी सिंहभूम, सरायकेला-खरसावां, सिमडेगा, गुमला, खूंटी, रांची और लोहरदगा जिलों में तेज हवा के साथ भारी बारिश हो सकती है. उन्होंने बताया कि राज्य में एक जून से सात अगस्त तक 303.8 मिलीमीटर बारिश हुई है, जबकि सामान्य रूप से इस अवधि में राज्य में 581.9 मिलीमीटर वर्षा होती है. राज्य में इस मानसून में जामताड़ा और पाकुड़ दो सबसे बुरी तरह से प्रभावित जिले हैं, जहां क्रमशः 71 प्रतिशत और 70 प्रतिशत वर्षा की कमी है.
राज्य के 24 जिलों में से छह जिले 60 प्रतिशत से अधिक वर्षा की कमी झेल रहे हैं जबकि आठ जिले 50 प्रतिशत से अधिक वर्षा की कमी का सामना कर रहे हैं. सात अन्य जिलों में 40 प्रतिशत से ज्यादा वर्षा की कमी देखी जा रही है. उन्होंने बताया कि अगले सप्ताह होने वाली भारी वर्षा से किसानों को आंशिक राहत मिलने की भी संभावना है. जो मॉनसून के मौसम के पहले दो महीनों में कम बारिश के कारण सूखे जैसी स्थिति का सामना कर रहे हैं. बताते चलें कि राज्य के कृषि सचिव अबू बकर सिद्दीकी ने अधिकारियों को सभी 24 जिलों का दौरा करने और कम वर्षा के कारण फसलों पर पड़ने वाले प्रभाव का अध्ययन करने के लिए एक आकस्मिक जमीनी सर्वेक्षण करने का निर्देश दिया. अधिकारियों को 10 अगस्त तक अपनी रिपोर्ट देने को कहा गया है.