रांची: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने राज्य के 12 नक्सल प्रभावित जिलों में अनुबंधत पर कार्यरत 2500 सहायक पुलिसकर्मियों की सेवा विस्तार का आदेश दिया है। इससे पहले राज्य के 12 नक्सल प्रभावित जिलों में अनुबंध पर कार्यरत 2500 सहायक पुलिसकर्मियों की सेवा समाप्त करने का सिलसिला शुरू हो गया । गुरूवार को दुमका और जमशेदपुर के 173 सहायक पुलिसकर्मियों की सेवा समाप्ति का आदेश निर्गत कर दिया गया। वहीं इस मामले को लेकर विपक्षी भाजपा ने हेमंत सरकार पर युवा और आदिवासी विरोधी होने का आरोप लगाया है तो अब सीएम हेमंत सोरेन ने एक महीने का सेवा विस्तार देते हुए जल्केदी ही मामले में फैसला लेने की बात कही है। सीएम ने ट्विट कर इसकी जानकारी दी।
इस संबंध में राज्य के गृह विभाग के प्रधान सचिव राजीव अरुण एक्का ने डीजीपी को गुरुवार को पत्र लिखकर यह जानकारी दी कि सहायक पुलिस कर्मियों की मांगों से संबंधित मामला विचाराधीन है। इनकी सेवा विस्तार एवं अन्य मांगों पर विभाग द्वारा विचार किया जा रहा है। तब तक वर्त्तमान में जो सहायक पुलिस कर्मी है, जिन जिलों में कार्यरत है, वे अपने कार्यकाल 5 वर्ष में अतिरिक्त एक महीने तक कार्यरत रहेंगे, ताकि इनकी मांगों पर निर्णय लिया जा सके।
दूसरी तरफ दुमका में 97 और पश्चिमी सिंहभूम में तैनात 76 सहायक पुलिसकर्मियों की सेवा समाप्त कर दी गई थी, लेकिन अब उन सभी को एक महीने का सेवा विस्तार दिया जाएगा।
इधर, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सह राज्यसभा संसद दीपक प्रकाश ने इस मामले को लेकर राज्य की हेमंत सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि झारखंड के कई जिलों के मूलवासी-आदिवासी बच्चे जो सहायक पुलिसकर्मी के रूप में काम कर रहे थे. उन्हें हटा देना अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है. मुख्यमंत्री जी 5 लाख नौकरी देने की बात करके कुर्सी पर बैठे थे या छीनने के लिए. झूठ और फरेब की सारी हदें हेमंत सरकार ने पार कर दी हैं।
वहीं राज्य के पेयजल स्वच्छता मंत्री मिथिलेश ठाकुर ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि सेवा मुक्त हुए सहायक पुलिस कर्मियों को राज्य सरकार सेवा विस्तार देगी। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री सहायक पुलिस कर्मियों की मांगों को लेकर गंभीर और संवेदनशील की है।