धनबाद: स्वास्थ्य विभाग में 28 जुलाई को मास लेवल पर लगभग 38 स्वास्थ्य कर्मचारियों के तबादले पर क्षेत्रीय स्वास्थ्य पदाधिकारी हजारीबाग आरडीडी डॉक्टर सिद्धार्थ सान्याल ने रोक लगा दी। उन्होंने बड़े पैमाने पर इस तबादले को विभाग के नियमों के विपरीत बताया है। डॉक्टर सन्यास ने तत्काल धनबाद सिविल सर्जन डॉ आलोक विश्वकर्मा को इसे तत्काल रोक लगाने को कहा है। इसके साथ ही बड़े पैमाने पर हुए इस तबादले से संबंधित तमाम कागजात और तबादला करने का उचित जवाब मांगा है। आरडीडी के निर्देश के बाद सिविल सर्जन ऑफिस में हड़कंप मच गया है। तबादला करने में संलग्न अफसर और संबंधित कर्मचारी के होश उड़े हुए हैं।
1 अगस्त को सिविल सर्जन पद से हटे
स्वास्थ्य विभाग में बड़े पैमाने पर इस तबादला को तत्कालीन सिविल सर्जन डॉ श्याम किशोर ने किया। 28 जुलाई को जिला स्थापना की बैठक में परिवार कल्याण मद 2211 के 38 कर्मचारियों को राज्य लोक स्वास्थ्य मदद 2210 में कर दिया था। दरअसल इन कर्मचारियों को परिवार कल्याण मत में समय पर वेतन नहीं मिल रहा था। वेतन को लेकर कर्मचारी अक्सर परेशान रहते थे। 28 जुलाई को तबादला करने के 4 दिन बाद 21 जुलाई को सिविल सर्जन का तबादला क्षेत्रीय मलेरिया पदाधिकारी हजारीबाग के पद पर हो गया। इसके बाद यह मामला विभाग के वरीय पदाधिकारियों तक पहुंचा।
चर्चा में रहा था बड़ी संख्या में तबादले का मामला
28 जुलाई को स्थापना समिति के निर्णय के अनुसार एनएम, लिपिक, पुरूष परिवार कल्याण कार्यकर्ता सहित कुल 38 स्वास्थ्यकर्मियों का तबादला का निर्देश जारी किया गया । जारी सूची के मुताबिक 24 एएनएम का ट्रांसफर किया गया है, वहीं 7 लिपिक और 1 पुरूष परिवार कल्याण कार्यकर्ता, 6 चतुर्थवर्गीय कर्मचारी का तबादला किया गया है। मामला तबादला के बाद से ही काफी चर्चा में रहा। कई प्रकार की बातें होती रही। बड़ी संख्या में तबादला नियम संगत नहीं है, धनबाद के अधिकारियों से इसके बारे में जानकारी मांगी गई है। फिलहाल मामले को रोका गया है डॉक्टर चिराग सन्यास आरडीडी हजारीबाग के पद पर हो गया। इसके बाद यह मामला विभाग के वरीय पदाधिकारियों तक पहुंचा।