झारखंड उच्च न्यायालय में सोमवार को विधायक बाबूलाल मरांडी की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई हुई। विधायक बाबूलाल मरांडी की ओर से स्पीकर के न्यायाधिकरण में दलबदल में चल रही सुनवाई को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दायर की गयी है।
हाईकोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति राजेश शंकर की अदालत ने सुनवाई के दौरान प्रार्थी को सेप्लिमेंट्री एफिडेविट दायर करने का निर्देश दिया। अदालत ने इस मामले में सुनवाई की अगली तिथि 14 सितंबर निर्धारित की है। बाबूलाल मरांडी की ओर से वरीय अधिवक्ता विजय प्रताप सिंह, अभय मिश्रा, विनोद साहू, रणेन्द्र आनंद और आकाशदीप ने पक्ष रखा।
बाबूलाल मरांडी की ओर से हाईकोर्ट में दाखिल याचिका में कहा गया है कि दलबदल मामले में झारखंड विधानसभा के अध्यक्ष के न्यायाधिकरण में नियमानुसार सुनवाई नहीं हुई है। न्यायाधिकरण ने उनकी गवाही और बहस सुने बिना ही केस को जजमेंट पर रख दिया है।
विधायक बाबूलाल मरांडी के दल से जुड़े मामले में विधानसभा अध्यक्ष के न्यायाधिकरण में अगस्त महीने के अंतिम सप्ताह में ही सुनवाई पूरी हो गयी है। न्यायाधिकरण ने मामले में सुनवाई पूरी करते हुए फैसला को सुरक्षित रख लिया है। न्यायाधिकरण में बाबूलाल मरांडी के मामले में सुनवाई पूरी होने के बाद स्पीकर कभी भी अपना फैसला सुना सकते है। जिसके बाद बाबूलाल मरांडी की ओर से इस पर आपत्ति जताई गयी है। बता दें कि वर्ष 2019 के विधानसभा चुनाव में बाबूलाल मरांडी ने झारखंड विकास मोर्चा (झाविमो) उम्मीदवार के रूप में चुनाव में जीत हासिल की थी। लेकिन वर्ष 2000 में उन्होंने अपनी पार्टी का विलय बीजेपी में कराने की घोषणा कर दी। लेकिन झाविमो के दो अन्य विधायक प्रदीप यादव और बंधु तिर्की ने बीजेपी के साथ जाने से इंकार कर दिया और वे दोनों कांग्रेस में शामिल हो गये।