सरायकेला: जिला व्यवहार न्यायालय के एडिशनल डिस्ट्रिक्ट जज- दो की कोर्ट ने वर्ष 2018 में सरायकेला थाना अंतर्गत मुड़िया तालाब के पास हुई मो नासिर की हत्या मामले में चार आरोपियों को दोषी पाते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनायी. साथ ही कोर्ट ने सभी दोषियों को 20- 20 हजार रुपये की जुर्माना भी सुनायी. जुर्माना भुगतान नहीं कर पाने की स्थिति में दोषियों को छह माह अतिरिक्त कारावास सजा भुगतना होगा. वहीं, कोर्ट ने 27 आर्म्स एक्ट में दोषी पाते हुए दोषियों को पांच साल की कारावास एवं 10- 20 हजार रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई है. जुर्माना नहीं देने पर तीन माह का अतिरिक्त कारावास की सजा सुनाई गयी है.
क्या है मामला
कोर्ट ने मुड़िया गांव निवासी मो नासिर के हत्या में चार आरोपियों को दोषी पाया. इस संबंध में आरोपियों के खिलाफ मृतक मो नासिर के पत्नी रेशमा खातून ने 27 सितंबर, 2018 को हत्या की प्राथमिकी दर्ज करायी थी. प्राथमिकी में उसने बताया कि शाम करीब छह बजे उसके पति मो नासिर फल खरीदने के लिए कोलाबीरा गए थे. इसी दौरान मुड़िया तालाब के पास चारों आरोपियों द्वारा उन्हें घेरकर गोली मार दी थी, जिससे उसकी मृत्यु हो गई थी.
इन दोषियों को मिली आजीवन कारावास की सजा
कोर्ट ने हत्या के मामले में मुख्तार आलम और अख्तर आलम, दोनों मुड़िया गांव निवासी तथा मोहम्मद शब्बीर चंद्रपुर एवं मोहम्मद जाहिर कमलपुर गांव निवासी को भादवि की धारा 302 एवं 34 में आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. वहीं, कोर्ट ने जुर्माने की राशि मृतक की पत्नी रेशमा खातून को भुगतान करने का निर्देश भी दिया है.
कोर्ट ने सरकारी वकील को दिया आदेश
सरकारी वकील को कोर्ट ने आदेश दिया कि जजमेंट की कॉपी 357(ए) कंपनसेशन एक्ट के तहत जिला विधिक सेवा प्राधिकार दाखिल करें, जिससे मृतक की पत्नी को आर्थिक सहायता मिल सके. सुनवाई के दौरान अभियुक्तों की पैरवी व्यवहार न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता केपी दुबे एवं प्रदीप पति द्वारा किया गया था. वहीं, सरकारी अधिवक्ता अशोक राय समेत अन्य दो वकील अल्ताफ हुसैन एवं शंकर सिंहदेव कर रहे थे.