एसएसपी साहब मुझे घर दिलवा दीजिए, बेटी हो गई है शादी के लायक, भाड़े पर कहां-कहां भटकती रहूंगी – मल्या चक्रवर्ती
जमशेदपुर: बिल्डरों और बिचौलियों द्वारा सीधे-साधे जमीन मालिकों को जाल में फंसाकर धोखाधड़ी करने की घटना हमेशा से सामने आती रही है। जिसके कारण पीड़ितों को सालों साल कोर्ट कचहरी और थानों के चक्कर भी लगाने पड़ते हैं। साथ ही इंसाफ पाने के लिए अपनी बची कुची पूंजी भी वे गवां बैठते हैं।
ऐसा ही एक मामला कदमा भाटिया बस्ती पवन पथ भाड़े के घर में रहने वाली लकवा बीमारी से ग्रस्त पीड़ित महिला मल्या चक्रवर्ती के साथ घटी है। पीड़ित महिला उक्त मकान में अपने पति दीपक चक्रवर्ती और बेटी के साथ रहती है। मामले में उन्होंने बताया कि चचेरे भाइयों से बंटवारा होने के बाद बिष्टुपुर थाना अंतर्गत कॉन्टैक्टर एरिया में स्थित होल्डिंग नंबर 00 (नील) और सर्विस नंबर 14 का प्लॉट तीनों बहनों क्रमशः सपना रॉय चौधरी, मिताली कांजीलाल और उनके मल्या चक्रवर्ती के हिस्से में आया। जिसका कुल क्षेत्रफल 2880 स्क्वायर फीट है और जिसके तहत एक एक बहन के हिस्से में 960 स्क्वायर फीट जमीन आया। वहीं वर्ष 2006 में तीनों बहनों ने बिल्डर किशन यादव के साथ कन्वर्शन में बिल्डिंग निर्माण का इकरारनामा किया था। जिसके तहत सपना रॉय चौधरी, मिताली कांजीलाल और मल्या चक्रवर्ती को बिल्डर द्वारा नगद 35 लाख रुपए और तीन फ्लैट बनाकर देना था। जिसमें से बिल्डर द्वारा नगद 25 लाख रुपए समेत दस लाख का चेक भी दिया गया था। साथ ही पूरे बिल्डिंग में सपना रॉय चौधरी और मिताली कांजीलाल ऊपरी तल्ले में तीन फ्लैट जबकि मल्या चक्रवर्ती को नीचे में 2 फ्लैट भी कन्वर्शन के अनुसार हिस्से में मिल रहा था। वहीं बाकी का फ्लैट बिल्डर द्वारा बनाकर बेचना तय हुआ था। मगर पारिवारिक विवाद और भाड़ेदार के कारण बिल्डर द्वारा समय पर निर्माण कार्य पूरा नहीं किया जा सका। जिसको लेकर वर्ष 2016 में तीनों बहनों ने बिल्डर के साथ किया हुआ इकरारनामा खत्म कर दिया। जिसको लेकर बिल्डर किशन यादव ने रांची हाई कोर्ट में शिकायतवाद दर्ज करा दिया और जो अब भी विचाराधीन है। जिसके बाद ही बिचौलिये के द्वारा धोखाधड़ी का खेल शुरू किया गया। वहीं सरायकेला खरसावां जिला के चांडिल कपाली डोबो निवासी बिचौलिये भोलानाथ महतो ने इकरारनामा कैंसिल होने का फायदा उठाते हुए बहन सपना रॉय चौधरी और मिताली कांजीलाल से संपर्क कर प्लॉट बेचवा देने की बात कही। इस दौरान दोनों बहनों ने पहले बिल्डर किशन यादव से मामला सलट लेने की बात भी कही थी। मगर बिचोलिए भोलानाथ महतो ने दोनों बहनों को अंधेरे में रखकर पश्चिम बंगाल से अपने नाम प्लॉट का पावर ऑफ अटॉर्नी बनवा लिया। जिसके एवज में उसने दोनों बहनों को 5-5 लाख रुपए का चेक दिया था। मगर उसके खाते में पैसे ही नहीं थे और जिसके कारण चेक बाउंस कर गया। साथ ही भोलानाथ महतो ने लकवा ग्रस्त पीड़ित बहन मल्या चक्रवर्ती का पावर ऑफ अटॉर्नी में जाली हस्ताक्षर भी अब खुद से कर दिया। सिर्फ यही नहीं उसने पावर ऑफ अटॉर्नी में उसे 30 लाख रुपए रूपए नगद और 35 लाख रुपए का चेक देने की बात भी अंकित कर दी। जिसकी जानकारी उसे थी ही नहीं। और तो और न्यायालय में जमीनी मामला विचाराधीन होने के कारण धोखे से पावर ऑफ अटॉर्नी बनाने के मामले में बिल्डर किशन यादव द्वारा सपना रॉय चौधरी और मिताली कांजीलाल के विरुद्ध न्यायालय से वारंट भी निकल गया। जिसके बाद दोनों बहने पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी फरार हो गई और अब भी दोनों वहीं पर है। जबकि दूसरी तरफ बिचौलिए भोलानाथ महतो द्वारा पावर ऑफ अटॉर्नी के दम पर लोगों से प्लॉट बेचने के नाम पर धन उगाही की जा रही है। साथ ही अब तक उसने कईयों से लाखों रुपए की उगाही भी कर ली है। सिर्फ इतना ही नहीं बिचौलिए भोलानाथ महतो ने महिला के दो फ्लैट पर कब्जा भी कर रखा है। वहीं मामले को लेकर 13 और 22 सितंबर को पीड़ित महिला मल्या चक्रवर्ती ने बिस्टुपुर थाने में भोलानाथ महतो के विरुद्ध लिखित शिकायत भी की। मगर अब तक उस पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। जिसके बाद पुनः महिला ने मामले की शिकायत एसएसपी और डीसी से की। इस दौरान पीड़ित महिला मल्या चक्रवर्ती ने गुहार लगाते हुए कहा कि एसएसपी साहब मुझे घर दिलवा दीजिए, बेटी हो गई है शादी के लायक, भाड़े पर कहां कहां लेकर भटकती रहूंगी। जबकि मामले में भोलानाथ महतो ने कहा कि दूसरे के बहकावे में आकर मल्या चक्रवर्ती मुझ पर झूठा आरोप लगा रही है। उन्होंने खुद पावर ऑफ अटॉर्नी में हस्ताक्षर किया था। वहीं 2019 में उन्हें लकवा मारा था और जिसका इलाज मैंने टीएमएच में करवाया था। साथ ही अस्पताल का सारा बिल भी मैंने ही दिया था। मैंने भी मामले की शिकायत एसएसपी, एसडीओ समेत अन्य से की है। बिस्टुपुर थाने में भी मैंने जमीन से जुड़ा हुआ दस्तावेज दिया है। मल्या चक्रवर्ती को भी कागजात जमा करने के लिए कहा गया था। मगर उन्होंने नहीं किया। पूर्व बिल्डर किशन यादव ने तीनों बहनों पर न्यायालय में धोखाधड़ी का मामला दर्ज कराया है। जिसमें से दो बहने अपने ससुराल पश्चिम बंगाल सिलीगुड़ी में है। जबकि इनका केस भी मैं ही लड़ रहा हूं। मेरे ऊपर लगाए गए सभी आरोप बेबुनियाद हैं। साथ ही मामले में बिष्टुपुर थाना प्रभारी विष्णु राउत ने कहा कि उक्त प्लाट पर निर्माण कार्य बंद है। दोनों पक्षों का मामला एसडीओ कोर्ट में चल रहा है। फिलहाल निर्माण कार्य पर रोक लगा दी गई है।