झारखंड के कालेजों में अब विश्वविद्यालय को यूनिट मानकर शिक्षकों की नियुक्ति की जाएगी। विश्वविद्यालय को ही यूनिट मानकर आरक्षण तय होगा। विधानसभा के मानसून सत्र में लागए गए झारखंड राज्य विश्वविद्यालय (संशोधन) विधेयक, 2022 में इसका प्रविधान किया गया है। राज्यपाल रमेश बैस ने इसपर अपनी स्वीकृति प्रदान कर दी है। इसी के साथ यह संशोधन अधिसूचित होकर लागू हो गया है। अभी तक कालेज शिक्षकों की नियुक्ति में विषयवार आरक्षण रोस्टर का निर्माण किया जाता था तथा इसी के अनुरूप नियुक्ति होती थी। यह संशोधन यूजीसी के दिशा-निर्देश पर किया गया है।
इस संशोधन विधेयक की स्वीकृति मिलने के साथ ही झारखंड के विभिन्न विश्वविद्यालयों में लगभग तीन हजार कालेज शिक्षकों की नियुक्ति का रास्ता साफ हो गया है। संशोधित प्रविधान के अनुसार, कालेज शिक्षकों की नियुक्ति के लिए झारखंड पात्रता परीक्षा (जेट), राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा (नेट), जूनियर रिसर्च फेलो (जेआरएफ) तथा पीएचडी में से किसी एक में उत्तीर्ण होना अनिवार्य होगा।
कालेज शिक्षकों की नियुक्ति झारखंड लोक सेवा आयोग द्वारा साक्षात्कार के माध्यम से की जाएगी। आयोग इसके लिए मेधा सूची तैयार करेगा, जो एक साल के लिए वैध होगी। मेधा सूची में कुल रिक्तियों के दोगुना अभ्यर्थियों को शामिल किया जाएगा। हालांकि, आयोग संबंधित विश्वविद्यालय को प्रत्येक पद के लिए एक नाम की ही अनुशंसा नियुक्ति के लिए करेगा। कालेज शिक्षकों की नियुक्ति के लिए झारखंड लोक सेवा आयोग अब प्रत्येक साल झारखंड पात्रता परीक्षा (जेट) का आयोजन करेगा।