सपा विधायक आजम खान को रामपुर कोर्ट ने दोषी करार दे दिया है. फैसले का ऐलान करते हुए उन्हें तीन साल की सजा सुनाई गई है. बड़ी बात यह है कि दो साल से ज्यादा की सजा होने के बाद ही उनकी विधायकी पर संशय के बादल लहराने की बात की जा रही थी. ऐसे में उन्हें जब तीन साल की सजा सुनाई गई है तो विधायकी की कुर्सी संशय के घेरे में आ चुकी है. दरअसल, हेट स्पीच का यह मामला 2019 के लोकसभा चुनाव से जुड़ा है. कथित रूप से आजम खान ने रामपुर की मिलक विधानसभा में एक चुनावी भाषण के दौरान आपत्तिजनक और भड़काऊ टिप्पणियां की थीं. इसकी शिकायत भाजपा नेता आकाश सक्सेना ने की थी. इसी मामले में रामपुर की एमपी-एमएलए कोर्ट आज फैसला सुनाया है.
जानकारी के मुताबिक, तीनों धाराओं में अधिकतम सजा तीन साल की होती है. ऐसे में आजम खान को तीन साल की सजा मिलनी ही थी. ऐसे में उनकी विधानसभा से सदस्यता रद्द हो सकती. हालांकि, अभी उनके पास हाइकोर्ट जाकर राहत पाने का अवसर है. यदि आजम की विधायकी चली जाती है तो ऐसे में सपा को अपने एक वरिष्ठ और अनुभवी विधायक से हाथ धोना पड़ेगा. आजम खान यूपी में एक बड़ा मुस्लिम चेहरा हैं. जाहिर है इससे सपा को इसका खामियाजा भुगतना पड़ सकता है. नगर निकाय चुनाव से ठीक पहले आजम खान पर आया यह संकट सपा को काफी भारी पड़ सकता है. वहीं, बीते कई दिनों से खराब तबीयत के चलते इलाज करा रहे आजम खान को भी मानसिक दिक्कत झेलनी पड़ेगी.
सीएम योगी और पीएम मोदी पर की थी टिप्पणी
हेट स्पीच का यह मामला साल 2019 के लोकसभा चुनाव के समय का है. उस समय रामपुर की मिलक विधानसभा सीट पर एक चुनावी भाषण के दौरान आजम खान ने आपत्तिजनक बातें कही थीं. उन्होंने तत्कालीन डीएम, सीएम योगी आदित्यनाथ और पीएम नरेंद्र मोदी को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणियां की थीं. उस समय इस बात की शिकायत बीजेपी नेता आकाश सक्सेना ने पुलिस में की थी. गुरुवार 27 अक्टूबर को इसी मामले में कोर्ट ने सुनवाई के बाद आजम खान को दोषी करार दिया है.