रामगढ़ जिले के मांडू प्रखंड अंतर्गत केदला कोयलांचल में लंपी वायरस का मामला सामने आया है. यह बीमारी केदला प्रोजेक्ट में एक पशु में देखी गयी है. पशु के पूरे शरीर में घाव के निशान हैं, जो क्षेत्र के पशुओं के लिये खतरा साबित हो सकता है. इस पशु के मालिक ने उसे खुला छोड़ दिया है. इससे ये बीमारी अन्य जानवरों में भी फैल सकती है. मांडू पशु चिकित्सा पदाधिकारी मनोज कुमार झा ने बताया कि स्थानीय चिकित्सक को जानकारी देकर पशु का इलाज कराया जाएगा.
खटाल से दूध लेना कर दिया बंद
स्थानीय लोगों ने कहा कि गाय को लंपी वायरस बीमारी है. इसका इलाज नहीं कराया जा रहा है. यह बीमारी काफी खतरनाक है. इसका समय पर इलाज नहीं हुआ, तो अन्य पशुओं की भी परेशानी बढ़ेगी. इस बीमारी की खबर से केदला कोयलांचल के किसान दहशत में हैं. कई लोगों ने बताया कि क्षेत्र के लोग खटाल से दूध लेते थे, लेकिन इस बीमारी के कारण कई लोगों ने दूध लेना बंद कर दिया है. लोगों में दहशत है कि बीमारी की चपेट में न आ जाएं. इस संबंध में इचाकडीह पंचायत के मुखिया रमेश राम ने कहा कि लंबी वायरस से ग्रसित पशु की सूचना मांडू पशु चिकित्सक को दी जाएगी.
बीमारी से ग्रसित पशु का होगा इलाज
मांडू पशु चिकित्सा पदाधिकारी मनोज कुमार झा ने बताया कि लंपी वायरस होने से पशु के पूरे शरीर में घाव की तरह गोला निकल जाता है. इस बीमारी की यही पहचान है. इसके बाद शरीर में सूजन आ जाती है. इसके बाद पशु की मौत हो जाती है. उन्होंने कहा कि जिस पशु को यह बीमारी हो जाती है, उसे खुला नहीं छोड़ना चाहिए. नहीं तो जो उस पशु के संपर्क आएगा, वह भी उस वायरस की चपेट में आ जायेगा. यह बीमारी इंसान को नहीं होती है. स्थानीय चिकित्सक को जानकारी देकर उस पशु का इलाज कराया जायेगा.