धनबाद में हुए नलकूप घोटाला में शुक्रवार को एसीबी ने 29 लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर ली. आरोपियों में 11 इंजीनियर और 18 ठेकेदार शामिल हैं. गोविंदपुर और निरसा प्रखंड की अलग-अलग पंचायतों में नलकूप लगाने में गड़बड़ी की गयी थी. शिकायत की जांच में धनबाद एसीबी ने मामले को सही पाया था.
पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के तत्कालीन कनीय अभियंता वंश नारायण राम वर्तमान में दुमका के प्रशाखा जामा में पदस्थापित, तत्कालीन सहायक अभियंता अक्षयलाल प्रसाद अभी सेवानिवृत्त (पीएचइडी पानी टंकी, बालीडीह, बोकारो) , तत्कालीन सहायक अभियंता सहेंद्र रजक वर्तमान में कार्यपालक अभियंता पेयजल एवं स्वच्छता प्रमंडल गुमला,
तत्कालीन कनीय अभियंता अनिल कुमार सिन्हा वर्तमान में कनीय अभियंता तोपचांची प्रमंडल संख्या-02, तत्कालीन कार्यपालक अभियंता संजय कुमार झा वर्तमान में अधीक्षण अभियंता दुमका, तत्कालीन कनीय अभियंता सुनील कुमार वर्तमान में कनीय अभियंता गिरिडीह.
क्या है पूरा मामला :
गोविंदपुर और निरसा प्रखंड की पंचायतों में वित्त वर्ष 2011-12, 2012-13 एवं 2013-14 में गाड़े गये नलकूपों की जांच तकनीकी परीक्षक कोषांग से करायी गयी थी. जांच के दौरान पाया गया था कि करीब दो करोड़ से अधिक राशि का गबन हुआ है. यह भी पाया गया था कि साधारण चापानल, विशेष मरम्मत चापानल, उच्च प्रवाही नलकूप, फोर्स एंड लिफ्ट एवं स्वजल धारा योजना अंतर्गत कई स्थानों पर निर्माण कार्य नहीं कराया गया था.
नये चापानल एवं विशेष मरम्मत चापानल के पास चाताल और नाला के अलावा शॉकपिट का निर्माण भी ठेकेदारों ने नहीं किया था. लेकिन अभियंताओं की मिलीभगत से बिना निर्माण कराये मापी पुस्तिका तैयार कर फाइल बिल तैयार कर ठेकेदारों को राशि का भुगतान कर दिया गया. जांच में उक्त लोगों की भूमिका सामने आने पर एसीबी ने संबंधित लोगों के खिलाफ विभाग से प्राथमिकी दर्ज कराने की अनुमति मांगी थी. मंत्रिमंडल निगरानी विभाग से अनुमति मिलने के बाद एसीबी ने यह कार्रवाई की है.