साहिबगंज में रिबिका पहाड़िया मर्डर केस की जांच SIT करेगी। पुलिस ने अब तक शव के 18 टुकड़े बरामद किए हैं। रिबिका का सिर और कुछ अंग नहीं मिले हैं। सिर को भी कई टुकड़ों में काटा गया है, क्योंकि उसका जबड़ा अलग मिला है। इधर, रिबिका हत्याकांड को लेकर झारखंड विधानसभा में जमकर हंगामा हुआ। भाजपा विधायकों ने आरोपी को फांसी देने की मांग की।
शव के टुकड़ों का डीएनए टेस्ट भी पुलिस कराएगी। वैज्ञानिक और तकनीकी पहलुओं से गहन जांच पर जोर दिया जाएगा। साहिबगंज एसपी अनुरंजन किस्पोट्टा के नेतृत्व में एसआईटी की टीम बनाई गई है। आरोपी पति दिलदार अंसारी, उसकी मां मरियम खातून, मामा मैनुल हक, भाई महताब अंसारी, बहन सरेजा खातून समेत कुल 9 लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है।
दिलदार अंसारी इतना शातिर था कि हत्याकांड को अंजाम देने के बाद उसने पुलिस में रिबिका की गुमशुदगी की शिकायत की। उसने घरवालों को भी रिबिका के लापता होने की सूचना दी। लेकिन शव के टुकड़े मिलने के बाद पुलिस ने सख्ती से पूछताछ की तो वह टूट गया। कबूला कि उसने मां और मामा के साथ मिलकर हत्या की और शव के 50 टुकड़े कर फेंक दिए।
रिबिका की बहन शीला पहाड़िया ने कहा-बोरियो बेल टोला निवासी दिलदार पेशे से कबाड़ी है। पिता सुरजा पहाड़िया और मां चांदी पहाड़िया इस रिश्ते का विरोध करते थे। एक महीने पहले दोनों घर से भाग कर थाना पहुंचे, जहां पुलिस ने उनकी शादी करा दी। शादी के बाद ही दिलदार और उसके परिवार के सदस्य उस पर धर्म बदलने का दबाव डाल रहे थे। मारपीट करते थे। जब रिबिका नहीं मानी तो उसकी नृशंस हत्या कर दी।
इस मामले में सबसे जरूरी है सबूत इकट्ठा करना। डीआईजी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में भी यह कहा था कि यह शव के टुकड़े साक्ष्य मिटाने के उद्देश्य से किए गये हैं। ऐसे में जरूरी है कि एसआईटी वैज्ञानिक और तकनीकी साक्ष्य जुटाने के लिए FSL टीम का सहयोग ले। इसके लिए आदेश दिए गए हैं।
इस मामले में सारे सबूत इकट्ठा कर पुलिस जल्द से जल्द से इसे कोर्ट के सामने रखना चाहती है ताकि आरोपियों को जल्द से जल्द सजा हो सके। मामले की स्पीडी ट्रायल की तैयारी है।