पलामू: कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव को लेकर देशभर में जारी लॉक डाउन के बीच देश के विभिन्न राज्यों से झारखंड में श्रमिकों के लौटने का सिलसिला जारी है। इसी क्रम में सोमवार की अहले सुबह तेलंगाना के लिंगमपल्ली में फंसे झारखंड के विभिन्न जिलों के 1473 श्रमिकों को स्पेशल ट्रेन के माध्यम से डाल्टनगंज स्टेशन लाया गया।
किस जिले के कितने श्रमिक
सोमवार को श्रमिक स्पेशल ट्रेन से डाल्टनगंज पहुंचे श्रमिकों में सबसे अधिक गोड्डा एवं पलामू जिला के 150 व 150 श्रमिक थे।इसी तरह बोकारो के 56चतरा के 72,देवघर के 42,धनबाद के 51,दुमका के 13,हजारीबाग के 45, जामताड़ा के 19 एवं कोडरमा के 58, पूर्वी सिहभूम के 36, गढ़वा के 88, गिरिडीह के 132, गुमला के 35,खूंटी के 6,लातेहार के 47,लोहरदगा के 15, पाकुड़ के 53, रामगढ़ के 8,रांची के 103,साहेबगंज से 60, सरायकेला के 8,सिमडेगा के 13, पश्चिम सिंहभूम के 68 श्रमिक तेलंगाना के लिंगमपल्ली से डाल्टेनगंज पहुंचे।
श्रमिकों के आगमन को लेकर रेलवे स्टेशन पर सुरक्षा के दृष्टिकोण से व्यापक इंतजाम किया गया था
श्रमिकों के आगमन को लेकर सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए गए थे। सदर एसडीपीओ संदीप गुप्ता स्टेशन परिसर की सुरक्षा व्यवस्था की लगातार मॉनिटरिंग कर रहे थे। श्रमिकों के आगमन के पूर्व डालटनगंज रेलवे स्टेशन परिसर को पूर्ण रूप से सैनिटाइजड किया गया एवं शारीरिक दूरी के पालन हेतु बैरिकेडिंग कर जगह-जगह पर गोल घेरा का निर्माण कराया गया। इसके अलावा सुरक्षा व्यवस्था के लिए डाल्टनगंज स्टेशन परिसर में पर्याप्त संख्या में चिकित्सकों की टीम के साथ दंडाधिकारी व सुरक्षाकर्मियों की तैनात पूर्व से ही की गई थी।इस दौरान समाजिक दूरी का पालन करने को लेकर रेलवे द्वारा लगातार अनाउंसमेंट किया जा रहा था। स्टेशन परिसर पर श्रमिकों को कोई परेशानी ना हो इसे लेकर विश्रामपुर अंचलाधिकारी संभू शरण एवं अपर समाहर्ता प्रदीप कुमार प्रसाद सक्रिय नजर आए।
श्रमिकों को उनके गृह जिला भेजने के पूर्व बसों को किया गया सैनिटाइज
श्रमिकों के डाल्टेनगंज स्टेशन पहुंचने के पश्चात सर्वप्रथम उनकी स्वास्थ्य जांच की गई। सभी के लिए फूड पैकेट व पेयजल की व्यवस्था रेलवे स्टेशन के एग्जिट पर ही की गई थी। इसके बाद स्टेशन परिसर से चियांकी एयरफील्ड स्थित सहायता केंद्र के लिए बसों में बैठाकर मजदूरों को भेजा गया। प्रवासी श्रमिकों को भोजन का पैकेट, पानी का बोतल उपलब्ध कराया गया। श्रमिकों को सैनिटाइजड बस से उन्हें गृह जिला भेजा गया।