लोहरदगा: लोहरदगा लगभग एक दशक से उग्रवाद प्रभावित लोहरदगा जिले में तैनात सीआरपीएफ 158 बटालियन को उग्रवाद नियंत्रण अभियान व जन सरोकार से जुड़े उत्कृष्ट कार्यों के लिए भारत सरकार ने वर्ष 2022 की बेस्ट परिचालनिक बटालियन ट्रॉफी में द्वितीय स्थान से सम्मानित किया है। राष्ट्रीय स्तर पर सीआरपीएफ 158 बटालियन को उत्कृष्ट और बेहतरीन कार्य के लिए भारत सरकार द्वारा ट्रॉफी देकर सम्मानित किए जाने से इस कंपनी के अधिकारी और जवान गौरवान्वित हैं। पुरस्कृत होने के बाद 158 बटालियन में जोश और उत्साह का नया संचार हुआ है। उल्लेखनीय है कि ,वर्ष 2022 में घोर उग्रवाद प्रभावित लोहरदगा जिले में जिला पुलिस के साथ समन्वय बनाकर “डबल बुल” ऑपरेशन में भाग लिया था। डबल बुल नामक उग्रवाद उन्मूलन अभियान में उग्रवादियों के विरुद्ध सुरक्षाबलों को अप्रत्याशित सफलता मिली थी।गत 8 से 25 फरवरी तक लगातार दिन रात लगातार चला इस संयुक्त अभियान में एक हार्डकोर इनामी माओवादी को सुरक्षाबलों ने मार गिराया। जबकि आठ हार्डकोर माओवादी उग्रवादियों को मौके से खदेड़ कर गिरफ्तार किया गया था। अभियान के दौरान कई नक्सली बंकर ध्वस्त किया गया। भारी मात्रा में नक्सलियों द्वारा छुपाए गए हथियार, आईडी, विस्फोटक, गोला बारूद और कारतूस बरामद किया गया। डबल बुल अभियान में इस क्षेत्र में सक्रिय माओवादियों को लगभग समाप्त करने के कगार में ला दिया।गत दिसंबर माह में चलाए गए संयुक्त अभियान में 5 लाख के इनामी सब जोनल कमांडर चंद्रभान पाहन को सुरक्षाबलों ने मार गिराया। जबकि माओवादी सब जोनल कमांडर व पांच लाख का इनामी नक्सली गोविंद बृजिया को मौके पर दबोचा गया। इसकी निशानदेही पर भारी मात्रा में अवैध आधुनिक हथियार, गोला बारूद, आईएडी व कारतूस जप्त किया गया। सीआरपीएफ 158 कंपनी लोहरदगा के कमांडेंट राहुल कुमार ने इस संदर्भ में बताया कि, नेशनल स्तर पर ऑपरेशनल अवार्ड मिलने से पूरी कंपनी गौरवान्वित है। कहा कि इस शानदार सफलता के लिए उपायुक्त डॉ वाघमारे प्रसाद कृष्ण, पुलिस अधीक्षक आर रामकुमार समेत पुलिस प्रशासन की पूरी टीम के प्रति सीआरपीएफ 158 बटालियन आभार व्यक्त करता है। कमांडेंट राहुल कुमार ने कहा कि नक्सल ऑपरेशन के अतिरिक्त जन सरोकार से जुड़े कार्यों में भी सीआरपीएफ 158 बटालियन की गहरी दिलचस्पी है। इसके तहत लोहरदगा जिले में लगभग 5 हजार पौधे लगाए गए हैं। मेडिकल कैंप का आयोजन कर गरीब और जरूरतमंद ग्रामीणों को स्वास्थ्य लाभ देने का प्रयास किया गया। आदिवासी बहुल गांव में बड़ी संख्या में लोगों को जरूरत के सामान सीआरपीएफ द्वारा बांटे गए। आम जनों से मैत्री संबंध स्थापित कर शांति बहाल कराया गया। जिससे स्थानीय विकास को प्रत्यक्ष गति मिली। जनजातीय आदान-प्रदान कार्यक्रम के तहत सीआरपीएफ ने स्थानीय 240 युवाओं को विभिन्न राज्यों के परिभ्रमण में भेजा है ।कहा स्थानीय पुलिस के साथ सीआरपीएफ 158 बटालियन समन्वय स्थापित कर शांति व्यवस्था बहाल करने के लिए लगातार समर्पित होकर काम कर रहा है।
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