डालटनगंज: पुरानी रांची रोड स्थित सील लकड़ी के टाल में बुधवार की सुबह आग लग गई। आग से करीब 20 लाख रूपए मूल्य की लकड़ी जलकर नष्ट हो गयी है। हालांकि सूचना मिलने के बाद फायरब्रिगेड के कर्मियों ने चार से पांच घंटे की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया। बता दें कि इस लकड़ी टाल को पिछले साढ़े तीन महीने पहले सील किया गया था।
बताया जाता है कि जेएम टिंबर में बुधवार की सुबह करीब 9 से 10 बजे बीच आग की लपटों को उठता देखकर आसपास के लोगांे ने शोर मचाया। शोर सुनकर टाल के मालिक इंद्रजीत सिंह डिंपल एवं उनके परिवार के अन्य सदस्य मौके पर पहंुचे। तत्काल इसकी सूचना फायरब्रिगेड को दी गई। साथ ही टैंकर के पानी से आग बुझाने का प्रयास किया, लेकिन तेज लपटों के कारण स्थानीय स्तर पर आग बुझाने का तमाम प्रयास विफल साबित हुआ। कुछ देर बाद फायरब्रिगेड के कर्मी मौके पर पहुंच गए और करीब चार से पांच घंटे की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया।
जहां पर आग लगी थी, वहां लकड़ी के बोटों का ढेर था। टिंबर मालिक ने तत्परता दिखाई और जलने से बचे कई बोटों को मौके से हटा दिया। ऐसे में कई बोटे जलने से बच गए और आर्थिक नुकसान भी काफी बड़ा होने से बचा। टिंबर मालिक इन्द्रजीत डिंपल ने बताया कि साढ़े तीन महीने से टाल सील रहने के कारण किसी तरह की कोई गतिविध नहीं थी। अचानक आसपास के लोगांे ने आग लगने की जानकारी दी।
उन्होंने आशंका व्यक्त की है कि सिगरेट पीकर फेंके जाने या फिर अन्य किसी कारण से आग की चिंगारी पड़ने से यह हादसा हुआ। लकड़ी के टाल से सटकर एक सुनसान सड़क भी आती जाती है। उस इलाके में कुछ नशेड़ी भी देखे जाते हैं। उन्हांेने बताया है कि करीब 20 लाख रूपए की लकड़ी इस घटना में जलकर नष्ट हो गई है।
बाक्स मेदिनीनगर के वन प्रमंडल पदाधिकारी सौमित्र शुक्ला ने रेलवे की जमीन पर चल रहे 15 में से 12 आरा मिल को सील कर दिया था। 12 आरा मिल में से एक आरा मिल जेएम टिंबर का भी था। आरा मिल के लिए रेलवे ने 31 दिसंबर 2022 के बाद जमीन का लीज एग्रीमेंट नहीं किया था। ऐसे में वन विभाग ने यह कार्रवाई की थी।