रांची. राज्य सरकार के आदेश पर बुधवार काे झारखंड के 24 में से 23 जिलों में शराब की दुकानें खुलीं, लेकिन दुकानों पर अपेक्षित भीड़ नजर नहीं आई. खूंटी में उपायुक्त का आदेश जारी न होने के कारण दुकानें नहीं खुलीं. हालांकि, यहां भी गुरुवार से शराब दुकानें खुल जाएंगी. लंबे समय बाद दुकान खुलने पर जिस भीड़ की अपेक्षा की जा रही थी, वैसी भीड़ कहीं नजर नहीं आई. सुबह में कुछ दुकानों पर 7 से 8 लोग नजर आए और दोपहर होते-होते दुकानें बिल्कुल खाली पड़ गईं. शहरों में तो छिटपुट बिक्री हुई भी, लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में शराब की बिक्री न के बराबर ही हुई. इस वजह से दुकानदार निराश हैं.
उत्पाद विभाग और सरकार को यह उम्मीद थी कि लंबे समय के बाद शराब दुकान खुलने पर दिल्ली एवं छत्तीसगढ़ की तरह झारखंड भी लोगों की भीड़ उमड़ेगी. सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराना मुश्किल होगा. इस वजह से सभी जिलों में शराब की दुकानों पर पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई थी, लेकिन ऐसी स्थिति नहीं बनी.
दुकानों का कोटा नहीं हो सका पूरा
ग्राहक नहीं आने के कारण दुकानों का कोटा भी पूरा नहीं हो सका. उत्पाद विभाग ने राज्य में प्रतिदिन 5.33 करोड़ रुपये की शराब बेचने का कोटा तय किया है. इसमें 4.10 करोड़ की शराब प्रतिदिन दुकानदारों को बेचनी है. लेकिन, बुधवार को राज्यभर में मात्र 3.50 करोड़ की शराब बेची जा सकी. वैसे सामान्य दिनों में एक दिन में लगभग 9 करोड़ तक की शराब बिक जाती थी.
खुदरा शराब विक्रेता संघ के सचिव सुबोध जायसवाल ने बताया कि पहले दिन काफी कम शराब की बिक्री हुई. इसके पीछे लॉकडाउन की सख्ती, लोगों के पास पैसों की कमी और शराब के दामों में वृद्धि जैसी वजहें हो सकती हैं.