Jharkhand’s Sohan in Chandrayaan -3 भारतीय स्पेस एजेंसी इसरो आज (शुक्रवार ) चंद्रयान-3 लॉन्च (Chandrayaan 3) करने जा रही है. चंद्रयान-3 दोपहर 2 बजकर 35 मिनट पर श्रीहरिकोटा के सतीश धवन सेंटर से लॉन्च होगा। ये भारत का तीसरा मून मिशन है, जहां पूरा देश चंद्रयान-3 मिशन के सफल लॉन्चिंग को लेकर उम्मीद लगाए बैठे हैं । वहीँ झारखण्ड के लिए यह मिशन बेहद ख़ास है क्योंकि कि इस मिशन में खूंटी जिले के तपकरा निवासी वैज्ञानिक सोहन कुमार यादव (Jharkhand’s Sohan in Chandrayaan -3) भी अहम भूमिका निभा रहे हैं। झारखंड के इस लाल (Jharkhand’s Sohan in Chandrayaan -3) की इस अभियान में भागीदारी झारखण्ड के लिए गौरव का पल है। वहीँ सोहन के गाँव वाले भी खुद को गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं।
पिता हैं ट्रक ड्राईवर
इसरो में लिक्विड प्रोपल्सन सिस्टम सेंटर में कार्यरत सोहन (Jharkhand’s Sohan in Chandrayaan -3) के पिता शिवशंकर यादव ट्रक ड्राइवर हैं। पिता शिवशंकर और मां देवकी देवी बेटे की इस अभियान में भूमिका से बेहद खुश हैं। उसने चंद्रयान-3 अभियान में शामिल होकर पूरे झारखंड का मान बढ़ाया है।
सोहन यादव (Jharkhand’s Sohan in Chandrayaan -3) पिछले 7 सालों से इसरो में वैज्ञानिक हैं।चंद्रयान-3 मिशन में खूंटी के तोरपा के तपकरा निवासी वैज्ञानिक सोहन यादव मिशन में अहम् स्थान रखने वाली ऑर्बिटर इंटीग्रेशन और टेस्टिंग टीम टीम का हिस्सा हैं। सोहन मिशन गगनयान से भी जुड़े हैं। लगभग 15 दिनों पहले सोहन ने अपनी मां देवकी देवी और भाई गगन से बात की थी। इस दौरान सोहन ने बताया था कि वह चंद्रयान-3 लॉन्चिंग को लेकर एक्साइटेड है।सोहन ने मां को फोन पर कहा था कि वह अब मिशन के पूरा होने के बाद ही बात कर पाएगा।
कौन हैं सोहन यादव
सोहन की प्रारंभिक शिक्षा सरस्वती शिशु मंदिर तपकारा में हुई। इसके बाद बीआईटी मेसरा नवोदय विद्यालय से मैट्रिक करने के बाद डीएवी बरियातू से इंटरमीडिएट की पढ़ाई की। इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ स्पेस साइंस एंड टेक्नोलॉजी, तिरूवनंतपुरम से उन्होंने एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में बीटेक की डिग्री हासिल की। यहीं से उसका चयन इसरो के लिए हुआ। सोहन ने जुलाई 2016 में इसरो में योगदान दिया था। वे लिक्विड प्रोपल्सन सिस्टम सेंटर बेंगलुरु में कार्यरत हैं।