Ranchi Crime: मुद्दई लाख बुरा चाहे, तो क्या होता है, होता वही है जो मंजूरे ख़ुदा होता है। ये कहावत पंडरा बाज़ार समिति के व्यवसायी दीपक गुप्ता पर चरितार्थ हो गया है। दरअसल दीपक गुप्ता की हत्या की साज़िश उनके सगे भाई आनंद गुप्ता ने ही रची थी। बाहर से शूटर भी बुला लिए गए थे।लेकिन ऐन वक़्त पर राँची पुलिस की तत्परता से मौक़ा ए वारदात से शूटरों को गिरफ़्तार कर लिया गया और दीपक कुमार गुप्ता की जान बच गई।
क्या है मामला
दरअसल 21 जुलाई को पंडरा ओपी में एक सन्हा दर्ज हुआ था, जिसमें दीपक कुमार गुप्ता की हत्या होने की आशंका जताई गई थी। इसके बाद एसएसपी के निर्देश पर सीटी एसपी के नेतृत्व में टीम का गठन किया गया। जाँच में पुलिस को चौंकाने वाले तथ्य मिले। पंडरा बाजार समिति के व्यवसायी दीपक कुमार गुप्ता की हत्या का पूरा प्लान उसके भाई आनंद गुप्ता ने रची थी। अपने भाई को रास्ते से हटाने के लिए आनंद ने दो शूटरों को सुपारी दी थी। दीपक को मारने के लिए आनंद गुप्ता के द्वारा बताए जगह पर शूटर पहुंच भी गए थे। लेकिन पुलिस ने इन अपराधियों को गिरफ्तार कर लिया।
अपराधी कर रहे थे दीपक की रेकी
पुलिस टीम ने मामले को गंभीरता से लेते हुए 23 जुलाई को रितेश वर्मा उर्फ देवराज व अल्तमश खान उर्फ राज को धर-दबोचा गया। पुलिस को सूचना मिली थी कि दोनों शूटर दीपक कुमार गुप्ता के मुहल्ले में रेकी कर रहे हैं। गठित टीम मुहल्ले में पहुंच गई, पुलिस को देखकर अपराधी भागने लगे। लेकिन पुलिस ने घेराबंदी कर अपराधियों को पकड़ लिया। पकड़े गए रितेश वर्मा के कमर से एक देसी लोडेड पिस्टल व अल्तमश खान के पॉकेट से 2 जिंदा गोली बरामद किया। इसके बाद पुलिस ने जब सख्ती के साथ पूछताछ की तो इन्होंने अपना जुर्म कबूल लिया। दोनों अभियुक्तों के बयान के आधार पर दोनों को सुपारी देने वाले आनंद कुमार गुप्ता (दीपक का भाई) को उनके घर से गिरफ्तार किया। आनंद के द्वारा अपना अपराध को स्वीकार किया गया। साथ ही इन घटना में शामिल शहबाज खान (बच्चा कब्रिस्तान हिंदपीढ़ी) को उनके घर से दो जिंदा गोली व बरामद हथियार के मैग्जीन के साथ गिरफ्तार किया गया।