धनबाद: पूर्व डिप्टी मेयर नीरज सिंह समेत चार लोगों की हत्या के मामले मे बीते छह वर्षों से जेल में बंद संजीव सिंह ने अपनी बीमारी से तंग आकर आखिरकार संसार छोड़ने का मन बना लिया है। मंगलवार को संजीव सिंह ने अदालत में आवेदन दाखिल कर इच्छामृत्यु देने की गुहार लगाई है।
इच्छा मृत्यु के लिए संजीव सिंह की तरफ से उनके वकील मोहम्मद जावेद ने धनबाद जिला एवं सत्र न्यायाधीश की कोर्ट में दायर की है। झारिया के पूर्व विधायक संजीव सिंह अप्रैल 2017 से धनबाद की जेल में बंद है। 11 जुलाई 2023 को उनकी तबीयत खराब हो गयी थी। तबीयत खराब होने के बाद धनबाद मंडल कारा से एसएनएमएमसीएच में भर्ती कराया था। अस्पताल में भर्ती करते वक्त बताया गया था कि वह जेल में कुर्सी से गिर गये थे जिसके बाद वह घायल हो गये। अपनी खराब तबीयत को आधार बनाते हुए संजीव सिंह ने जमानत की अर्जी दायर की थी। इसके बाद हाईकोर्ट ने भी उन्हें मेडिकल ग्राउंड पर राहत देने से इंकार कर दिया था। जस्टिस रंगन मुखोपाध्याय की अदालत ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद संजीव सिंह की याचिका खारिज कर दी थी।
संजीव सिंह की सेहत की जांच के लिए मेडिकल बोर्ड का गठन किया गया था। बोर्ड ने संजीव को किसी प्रकार की गंभीर चोट या बीमारी होने से इनकार कर दिया था। बोर्ड ने बताया कि प्रार्थी संजीव सिंह को मेडिकली फिट हैं। अदालत ने उनके इलाज के लिए गठित मेडिकल बोर्ड ने जांच के बाद उन्हें रिम्स भेजने की सलाह दी थी। संजीव ने रांची रिम्स में भर्ती होने से इनकार कर दिया था। उनकी पत्नी और परिवार के लोग चाहते थे कि धनबाद के किसी बड़े निजी अस्पताल में उनका इलाज कराया जाए। इसका पूरा खर्च भी उठाने के लिए परिवार तैयार है। इन्होंने आशंका जताई थी कि मौजूदा सरकार के दबाव में उनके पति का ठीक से इलाज नहीं किया जा रहा है।