झारखंड कर्मचारी चयन आयोग की ओर से 26 हजार सहायक आचार्य नियुक्ति प्रक्रिया पर लगी रोक को हाईकोर्ट ने हटा दिया है। अब आवेदन की प्रक्रिया फिर शुरू होगी। नियुक्ति प्रक्रिया में बीआरपी-सीआरपी को 50 फीसदी आरक्षण नहीं दिए जाने को लेकर दायर याचिका पर आज झारखंड हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। सुनवाई चीफ जस्टिस संजय कुमार मिश्रा की अध्यक्षता वाली खंडपीठ में हुई।
सुनवाई के बाद अदालत ने संसोधित आदेश पारित किया। जिसमें जेएसएससी को निर्देश देते हुए कहा कि पार्थियों के लिए एक सौ सीट रखें। हालांकि अदालत ने यह भी कहा कि यह नियुक्ति प्रक्रिया अदालत के अंतिम निर्णय से प्रभावित होगी। नियुक्ति प्रक्रिया में लगी रोक हटाने की गुजारिश महाधिवक्ता राजीव रंजन ने की थी। प्रार्थी की ओर से अधिवक्ता अमित कुमार तिवारी ने पैरवी की। वहीं अधिवक्ता संजय पिपरवाल एवं प्रिंस कुमार ने जेएसएससी का पक्ष रखा।
सुनवाई के दौरान जेएसएससी की ओर से अदालत को बताया गया कि साल 2022 में बनी सहायक आचार्य नियुक्ति नियमावली 2022 में शिक्षा विभाग में संविदा पर काम कर रहे कर्मियों को 50 फीसदी आरक्षण देने की बात थी। जिसे सरकार ने साल 2023 में बनी नयी और संसोधित नियमावली से हटा दिया। अब केवल पारा शिक्षकों को ही सहायक आचार्य नियुक्ति में 50 फीसदी आरक्षण देने का प्रावधान है। शिक्षा विभाग में कार्यरत संविदा कर्मियों को भी आरक्षण मिलना चाहिए था।