झारखंड विधानसभा की 23वीं वर्षगांठ को समारोह का बुधवार को विधिवत उद्घाटन किया गया। समारोह का उद्घाटन राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन, विधानसभा अध्यक्ष रबिन्द्र महतो, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और विधानसभा के संसदीय कार्य मंत्री आलमगीर आलम ने दीप प्रज्वलित कर किया। इससे पहले पुलिस के बैंड की आकर्षक धुन के बीच सभी विशिष्ट अतिथि विधानसभा के समारोह स्थल तक पहुंचे जहां स्कूली बच्चों ने स्वागत गान के साथ उनका स्वागत किया। विधानसभाध्यक्ष ने इसके बाद राज्यपाल, मुख्यमंत्री और संसदीय कार्य मंत्री समेत अन्य अतिथियों का स्वागत पौधा देकर किया। इसके बाद सभी विशिष्ट अतिथियों ने अपने सम्बोधनों से विधानसभा, सदन और संविधान के महत्व पर प्रकाश डाला। राज्यपाल ने जहां कहा कि विधानसभा लोकतंत्र का सबसे बड़ा मंदिर है और लोकतंत्र के विकास का केवल एक ही मूलमंत्र है- ‘विकास विकास और विकास’, वहीं मुख्यंत्री हेमंत सोरेन ने विधानसभा को सबसे बड़ी पंचायत बताकर इसके महत्व को रेखांकित किया। इस अवसर स्वागत भाषण विधानसभाध्यक्ष ने किया। रवीन्द्र महतो ने अपने स्वागत भाषण में झारखंड के अमर शहीदों का स्मरण करते हुए संविधान निर्माताओं को स्मरण किया। महतो ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के किये गये कार्यों की उपलब्धियों को गिनाया।
मनिका विधायक रामचन्द्र सिंह समेत कई लोगों का किया गया सम्मान
विधानसभा के स्थापना दिवस समारोह में मनिका विधायक रामचन्द्र सिंह को उत्कृष्ट विधायक के सम्मान से सम्मानित किया गया। रामचन्द्र सिंह को राज्यपाल ने शॉल ओढ़ाकर और प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया। इसके बाद विधानसभा के छह कर्मियों को भी उनके विशिष्ट योगदान के लिए सम्मानित किया गया। जिन कर्मियों को सम्मानित किया गया उनमें संयुक्त सचिव मिथिलेश कुमार मिश्रा, अवर सचिव विष्णु पासवान, प्रशाखा पदाधिकारी निलेश कुमार सिंह और नियाज अहमद, वरीय सचिवालय सहायक तापस कुमार यादव और अनुसेवक माइकल लकड़ा शामिल हैं। इसके अलावा खेलों में विशिष्ट योगदान और विभिन्न परीक्षाओं में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले छात्र-छात्रों को भी इस अवसर पर सम्मानित किया गया।
किये गये राजनीतिक-सामाजिक कार्यों की सार्थकता – रामचन्द्र सिंह
सम्मान समारोह ग्रहण करने के बाद विधायक रामचन्द्र सिंह ने सम्मान प्रदान करन के लिए राज्यपाल, मुख्यमंत्री और चयन समिति को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि यह सम्मान मिलने से उन्होंने अपने जीवन में जो भी राजनीतिक और सामाजिक कार्य किये हैं, उनको सार्थकता मिली है। उन्होंने विशेष कर हेमंत सोरेन को धन्यवाद दिया कि जिनके मार्गदर्शन की वजह से आज यह सम्मान हासिल करने के योग्य हो पाये हैं। उन्होंने आलमगीर आलम से मिले मार्गदर्शन का भी जिक्र किया और कहा कि जब तक उनमें सांस बाकी है वह मनिका की जनता के प्रति सदैव समर्पित रहेंगे।
पक्ष-विपक्ष में सांमजस्य से ही जनता का भला – अमर कुमार बाउरी
झारखंड विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष अमर कुमार बाउरी ने अपने सम्बोधन में झारखंड को लम्बे आन्दोनल के परिणाम बताते हुए कहा कि यह राज्य के विशिष्ट जनों के बलिदान के कारण ही सम्भव हो सका है। झारखंड के निर्माण में उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के योगदान का भी स्मरण किया। बाउरी ने विधानसभा के महत्व को बताते हुए कहा कि यह वह मंच है जहां जनता के चुने हुए प्रतिनिधि पहुंचते हैं, यह साधारण लोगों को भी अपनी बात रखने का अवसर देता है। उन्होंने कहा कि विधानसभा वह मंच है जहां पर जनप्रतिनिधि नीति निर्धारण करते हैं। लेकिन उन्होंने एक महत्वपूर्ण कही कि चाहे सत्ता पक्ष हो या विपक्ष उनमें संवाद अवश्य होना चाहिए। लोकतंत्र के हित में विचार-विमर्श काफी महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि आज हो जो कर रहे हैं, वही हम आने वाली पीढ़ी को सौंपेंगे। बाउरी ने अपने सम्बोधन में सरकार के साथ सहयोग का भरोसा दिया। उन्होंने सत्ता को बैलेंस करके जनता के लिए उपयोगी बनाने की भी बात कही। अपने सम्बोधन में बाउरी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के झारखंड आने का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि मोदी हाशिए पर चले गये आदिवासियों के लिए काम करने के काम करने में लगे हुए हैं।
लोकंतात्रिक ढांचा कमजोर हो रहा है – आलमगीर आलम
विधानसभा के संसदीय कार्य मंत्री आलमगीर आलम ने अपने सम्बोधन में लोकतंत्र में आये फर्क की ओर इशारा किया। उन्होंने कहा कि 23 सालों में वह काफी फर्क महसूस कर रहे हैं। आज लोकत्रांत्रिक ढांचा कमजोर हो रहा है। जब चुनाव का वक्त आता है तब हम जनता के बीच जाते हैं। जनता हम पर टकटकी लगाकर देखती है। जनता हम पर जो भरोसा करती है, उस भरोसे पर हमें खरा उतरना होगा। उन्होंने कहा कि हमें इस पर ध्यान देना होगा कि हमारा काम सिर्फ विधेयकों को पारित करना ही नहीं हो, बल्कि हमें ऐसा काम करना है कि झारखंड का नाम दुनिया में रोशन हो।
पक्ष-विपक्ष मिलकर लोकतंत्र की जड़ों को मजबूत करें – हेमंत सोरेन
मुख्यमंत्री हेमंत सोरे ने अपने सम्बोधन में विधानसभा को राज्य की सबसे बड़ी पंचायत बताया। उन्होंने कहा कि सरकार का काम सिर्फ व्यक्तियों का ही ध्यान रखना नहीं है। सरकार लोगों के साथ जीव-जन्तुओं के लिए भी है। जानता आशाओं के साथ जन प्रतिनिधि विधानसभा में भेजती है। भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है। लोकतंत्र की असल परिभाषा विधायकी कार्यों से निकलता है। बेहद गंभीरता, अपनी संवेदनाओं, कर्तव्यों का निर्वहन कर मिलजुल हमें काम करना होगा। तभी लोकतंत्र की जड़ों को हम मजबूत कर पायेंगे। बाबा साहेब भीमराव अम्बेडकर ने जो संविधान हमें दिया है उसे और मजबूती से आगे बढ़ाना है।
उम्मीदों पर खरा उतरना होगा – राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन
राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने कहा कि झारखंड विधानसभा का गौरवशाली इतिहास है। इसलिए सभी को मिलकर काम करने की आवश्यकता है। यह लोकतंत्र की ताकत है कि आज भारत विश्व की सबसे बड़ी पांचवीं अर्थव्यवस्था है। हमें जनकी की उम्मीदों पर खरा उतरना हो तो हमें यह भी देखना होगा कि हम जो कर रहे हैं, उसका फायदा जनता को मिल रहा है कि नहीं। राज्यपाल ने 15 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के झारखंड आने का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी को झारखंड आने का मकसद ही यही है कि यहां के आदिवासियों की जरूरतों को समझा जा सके। इसीलिए उन्होंने कई योजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया।