मध्यप्रदेश नवनिर्वाचित विधायक दल के नेता मोहन यादव ने मोतीलाल नेहरू स्टेडियम में आयोजित समारोह में प्रधानमंत्री की उपस्थिति में मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। उनके साथ राजेन्द्र गुप्ता और जगदीश देवड़ा ने उप मुख्यमंत्री पद की शपथ ली।
मोहन यादव मंझे हुए भाजपा नेता हैं। 25 मार्च, 1965 को मध्य प्रदेश के उज्जैन में जन्मे मोहन यादव पर सरस्वती और लक्ष्मी की विशेष कृपा है। BSc, LLB और PhD की डिग्री उनकी शैक्षणिक योग्यता बताती तो आपको यह भी बता थे कि वह एक सफल राजनेता के साथ-साथ एक सफल व्यवसायी भी हैं। यादव उज्जैन जिले की उज्जैन दक्षिण विधानसभा सीट से विधायक हैं। वह लंबे समय तक RSS के कई पदों पर भी काम कर चुके हैं। वे अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) के उज्जैन नगर मंत्री का जिम्मा भी संभाल चुके हैं।
मोहन यादव का राजनीतिक सफर भी शानदार है। यादव ने 1982 में ABVP की तरफ से छात्र संघ का चुनाव जीता था। इसके बाद 2023 में वह उज्जैन दक्षिण सीट से विधायक बने। उन्होंने 2018 में भी इस सीट से जीत दर्ज की। यादव का कद तब बढ़ा जब उन्हें 2 जुलाई, 2020 को शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व वाली सरकार में उच्च शिक्षा मंत्री बनाया गया। वे भाजपा की राज्य कार्यकारिणी और सिंहस्थ मध्य प्रदेश की केंद्रीय समिति के सदस्य भी रहे हैं। इस विधानसभा चुनाव में यादव ने उज्जैन दक्षिण सीट से तीसरी बार विधायक बने हैं।
अब बताते हैं कि भाजपा को सीएम बनाने का असल मकसद क्या है। मोहन यादव अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) समुदाय से आते हैं। माना जा रहा है कि लोकसभा चुनाव में OBC और उत्तर प्रदेश और बिहार के यादवों को साधने के लिए भाजपा ने उन्हें मुख्यमंत्री बनाया है। पहले मोहन यादव मुख्यमंत्री पद की रेस में शामिल नहीं थे। विधायक दल की बैठक में शिवराज सिंह चौहान ने ही उनका नाम प्रस्तावित किया था।