क्रिसमस को लेकर तैयारियां जोरों पर है। कैरल सिंगिंग का कार्यक्रम हर दिन चलता नजर आ रहा है। इसमें महिलाएं, बच्चे और नौजवान सिंगिंग करते दिख रहे हैं। महिलाएं केक बनाने की तैयारियों में जुटी हैं। घर और चर्च जगमग दिखाई दे रहे हैं । लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि झारखंड की राजधानी रांची में एक चर्च ऐसा भी है, जहां क्रिसमस को लेकर कोई तैयारी नहीं की जाती है। यहां क्रिसमस के नाम पर कोई विशेष प्रार्थना नहीं होती है, ये क्रिसमस नहीं मनाते। इस चर्च का नाम है सेवेंथ डे एडवेंटिस्ट।
‘बाइबल में ईसा मसीह के जन्म की ताऱीख नहीं’
सेवेंथ डे एडवेंटिस्ट चर्च के अनुयायियों का मानना है कि बाइबिल में ईसा मसीह के जन्म की तारीख का जिक्र ही नहीं है। ऐसे में धार्मिक दृष्टिकोण से क्रिसमस के अवसर पर चर्च में विशेष प्रार्थना का कोई औचित्य ही नहीं है। सेवेंथ डे एडवेंस्टि नामक इस चर्च के अनुयायी यह मानते हैं कि बाइबिल में ईसा मसीह के जन्म की ताऱीख नहीं दी गई है, इसलिए धार्मिक दृष्टिकोण से क्रिसमस के अवसर पर चर्च में विशेष प्रार्थना या समारोह का आयोजन करना कहीं से उचित नहीं है।
जन्म को लेकर धारणा
यीशु मसीह के जन्मदिन को लेकर काफी रिसर्च भी की गई है, लेकिन इसके बाद भी यीशु मसीह के जन्मदिन की सही तारीख का पता नहीं लग सका। बाइबल में यीशु के जन्म की सटीक तारीख का भी कोई विशेष उल्लेख नहीं है, और विभिन्न ऐतिहासिक और धार्मिक कारक सटीक समय निर्धारित करना चुनौतीपूर्ण बनाते हैं। हालांकि, एक प्रचलित धारणा यह है कि यीशु मसीह का जन्म गर्मियों में हुआ था। लेकिन 25 दिसंबर को यीशु मसीह का जन्मदिन मानते हुए “बड़ा दिन” मनाने की एक अलग कहानी है।
इसलिए चुना गया था बड़ा दिन
25 दिसंबर को क्रिसमस मनाए जाने के पीछे की सबसे बड़ी वजह यह है कि रोमन कैथोलिक चर्च ने इस दिन को “बड़े दिन” के तौर पर चुना था। बताया जाता है कि इसे विंटर सोलिस्टिस से भी जोड़ा गया, जो कि उत्तरी गोलार्द्ध में सबसे छोटा दिन होता है। उसके अगले दिन से दिन की लंबाई धीरे-धीरे बड़ी होने लगती है और इसी दिन से रोमन संस्कृति के शनि के देवता का उत्सव सैटर्नालिया भी मनाया जाता है।
विभिन्न ईसाई संप्रदाय अलग अलग तारीखों पर मनाते हैं क्रिसमस
यहाँ यह भी उल्लेखनीय है कि विभिन्न ईसाई संप्रदाय और संस्कृतियां विभिन्न तारीखों पर क्रिसमस मनाते हैं। जैसे- कुछ पूर्वी रूढ़िवादी चर्च कैलेंडर प्रणालियों में अंतर के कारण 6 या 7 जनवरी को क्रिसमस मनाते हैं। हालांकि, दुनियाभर में सांस्कृतिक कारणों से क्रिसमस समारोह के लिए 25 दिसंबर को चुना गया था, और यह दुनिया के कई हिस्सों में यीशु मसीह के जन्म का जश्न मनाने के लिए व्यापक रूप से स्वीकृत तारीख बन गई है।