Money Laundering Case: मनी लॉन्ड्रिंग मामले (Money Laundering Case) में जेल में बंद झारखंड की निलंबित आईएएस पूजा सिंघल की जमानत अर्जी पर सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. कोर्ट से उन्हें कोई राहत नहीं मिल पाई. जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस सुधांशु धूलिया की बेंच ने सोमवार को दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद सुनवाई की अगली तारीख 11 मार्च मुकर्रर की है.
क्या है पूरा मामला?
बता दें कि पूजा सिंघल को झारखंड के खूंटी में मनरेगा घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में ईडी ने 11 मई 2022 को गिरफ्तार किया था. इसके पहले एजेंसी ने उनके आवास सहित विभिन्न ठिकानों पर छापेमारी की थी. इस दौरान उनके पति अभिषेक झा के सीए सुमन कुमार के आवास से 20 करोड़ नगद बरामद किए थे.
जेल भेजे जाने के बाद झारखंड सरकार ने उन्हें निलंबित कर दिया था. कोर्ट ने उन्हें पुत्री के इलाज के लिए कुछ दिनों के लिए जमानत दी थी, लेकिन बाद में उन्हें फिर सरेंडर करने का आदेश दिया गया था. इसके बाद सिंघल ने 12 अप्रैल 2023 को रांची ईडी की विशेष कोर्ट में सरेंडर किया था. तब से वह रांची के बिरसा मुंडा केंद्रीय कारागार में न्यायिक हिरासत में है.
बता दें कि खूंटी मनरेगा घोटाले से जुड़े मनी लांड्रिंग केस में ईडी द्वारा दाखिल चार्जशीट में निलंबित आईएएस पूजा सिंघल, सीए सुमन कुमार सिंह समेत अभिषेक झा का नाम शामिल किया गया है. दूसरी ओर, ईडी द्वारा उस चार्जशीट पर ही अदालत ने संज्ञान लेते हुए अभिषेक झा को समन जारी किया था. उसके बाद अभिषेक झा पर गिरफ्तारी की तलवार लटक रही थी.
गिरफ्तारी से बचाव के लिए अभिषेक ने निचली अदालत से लेकर हाईकोर्ट तक का दरवाजा खटखटाया था. कोर्ट ने कोई राहत नहीं मिलने पर उन्होंने सुप्रीम कोर्ट का भी रुख किया. सुप्रीम कोर्ट ने अभिषेक झा को सशर्त अग्रिम जमानत दे दी थी और उन पर किसी तरह की पीड़क कार्रवाई पर रोक लगा दी थी.
पूजा सिंघल ने जमानत के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है. इसपर दो-तीन बार सुनवाई हुई है, लेकिन उन्हें अब तक कोई राहत नहीं मिली है.
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