500 वर्षों के लम्बे इन्तजार के बाद भगवान श्रीराम बुधवार को मंदिर में प्रवेश किया। हजारों महिलाओं की कलश यात्रा और नगर भ्रमण के बाद श्रीराम की प्रतिकात्मक मूर्ति का मंदिर में प्रवेश कराया गया। भगवान श्रीराम ने मंदिर का भ्रमण भी किया। अयोध्या के भव्य मंदिर में राम लला अपने आसन पर 22 जनवरी को विराजमान होंगे।22 जनवरी को श्रीराम की प्राण-प्रतिष्ठा दोपहर 12 बजकर 20 मिनट पर प्रारंभ होगी। प्राण-प्रतिष्ठा का मुहूर्त वाराणसी के पुजारी गणेश्वर शास्त्री ने निर्धारित किया है। श्रीराम की प्राण प्रतिष्ठा से जुड़े कर्मकांड 16 जनवरी से आरम्भ हो चुके हैं। सारा विधि-विधान वाराणसी के ही लक्ष्मीकांत दीक्षित द्वारा कराया जा रहा है।
बुधवार को रामलला की मूर्ति को मंदिर परिसर में प्रवेश कराया गया। प्रवेश के बाद मूर्ति को परिसर का भ्रमण कराया गया। चयनित मूर्ति का शुद्धीकरण करते हुए उनकी आंखों पर पट्टी बांधी गयी है। यह पट्टी 22 जनवरी को प्राण-प्रतिष्ठा के दिन खोली जाएगी।
श्रीराम की प्राण-प्रतिष्ठा का पूरा कार्यक्रम
- 16 जनवरी: प्रायश्चित्त और कर्मकूटि पूजन
- 17 जनवरी: मूर्ति का परिसर प्रवेश
- 18 जनवरी (सायं): तीर्थ पूजन, जल यात्रा, जलाधिवास और गंधाधिवास
- 19 जनवरी (प्रातः): औषधाधिवास, केसराधिवास, घृताधिवास
- 19 जनवरी (सायं): धान्याधिवास
- 20 जनवरी (प्रातः): शर्कराधिवास, फलाधिवास
- 20 जनवरी (सायं): पुष्पाधिवास
- 21 जनवरी (प्रातः): मध्याधिवास
- 21 जनवरी (सायं): शय्याधिवास
- 22 जनवरी: प्राण-प्रतिष्ठा